डा. प्रियांजलि दत्ता
हम प्रायः संतुलित जीवनशैली अपनाने के विचारों में मग्न हो जाते हैं, फिर भी हर रोज की दिनचर्या के ढर्रे में ही बंधे रह जाते हैं। इस तरह अच्छे स्वास्थ्य का विचार हमारे लिए डरावना स्वप्न बनकर रह जाता है।
वर्कशॉप आयोजित करने के पीछे हमारी यही विचार है। फल और नट के सहारे हम अच्छे स्वास्थ्य के विचार को सकारात्मक बनाए रख सकते हैं। इन वर्कशॉप्स में हम यह सुनिश्चित करने का प्रयास करते हैं कि हम हर पल उस जीवनशैली की ओर आगे बढ़ें, जिसका हम सपना देखते हैं।
आरोग्य होलिस्टिक हेल्थ फाउंडेशन द्वारा समग्र स्वास्थ्य एवं यथाशीघ्र ब्रेस्ट कैंसर पहचान के लिए देश के सबसे बड़े अभियान के तौर पर फ्रूट एंड नट वर्कशॉप्स का आयोजन ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता माह अक्टूबर में किया गया। अनुमान है कि हमारा अभियान दिल्ली एनसीआर और इसके आसपास के क्षेत्रों में करीब चार लाख महिलाओं और किशोरियों तक पहुंचा।
सबसे आम कैंसर
दुनिया के 161 देशों में महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर सबसे ज्यादा होने वाला कैंसर है। 98 देशों में कैंसर से होने वाली मौतों के पीछे ब्रेस्ट कैंसर सबसे बड़ा कारण है। पोषण हर उम्र की महिलाओ के लिए महत्वपूर्ण है। बच्चों और युवा वयस्कों में पोषण उनके विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जबकि 35 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं में इसकी अहमियत सामान्य स्वास्थ्य के लिए संतुलित आहार से कहीं ज्यादा है।
मोटापा और ब्रेस्ट कैंसर
हम जो भी खाते हैं, उससे वजन पर असर पड़ता है। महिलाओं के प्रमुख सेक्स हारमोंस में से एक ओस्ट्रोजेन का उच्च स्तर वजन बढ़ाता है, खासकर हिप्स और कमर के आसपास। मोटापा महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का अत्यधिक खतरा पैदा करने वाले कारकों में से एक है। इस बीमारी का इलाज करा चुकी महिलाओं को अपना वजन नियंत्रित रखने के लिए अतिरिक्त कदम उठाने चाहिए क्योंकि ब्रेस्ट कैंसर के बाद स्वास्थ्यवर्धक आहार से व्यक्ति के ज्यादा लंबे समय तक जीवित रहने की संभावना बढ़ती है।
महिलाओं में रजोनिवृत्ति के बाद अत्यधिक वजन होने या मोटापे से भी ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ता है। अधिक वजन वाली महिलाओं में इंसुलिन की अधिक मात्रा होने की संभावना होती है। इंसुलिन की अधिक मात्रा भी ब्रेस्ट कैंसर सहित कुछ किस्मों के कैंसर की संभावना बढ़ाता है।
ओस्ट्रोजेन की भूमिका
कुछ खाद्य वस्तुओं में फायटोस्ट्रोजन (पौधों के माध्यम से) का उच्च स्तर होता है जिसका केमिकल स्ट्रक्चर ओस्ट्रोजेन जैसा ही होता है। शरीह में ओस्ट्रोजेन के उच्च स्तर से माना जाता है कि ब्रेस्ट कैंसर का खतरा काफी बढ़ता है। फ्लैक्स सीड और सोयाबीन दो खाद्य पदार्थ हैं जो शरीर में फायटोस्ट्रोजेन का स्तर बढ़ाता है। कुछ दवाइयां और एंटीबायोटिक्स भी ओस्ट्रोजेन का स्तर बढ़ाता है। रजोनिवृत्ति लक्षणों के लिए इलाज के तौर पर ओस्ट्रोजेन रिप्लेसमेंट थेरेपी ले रहे व्यक्तियों पर भी उच्च ओस्ट्रोजेन का बुरा असर पड़ सकता है।
भोजन में फाइबर डाइट की मात्रा बढ़ाकर ओस्ट्रोजेन के खात्मे को तेज किया जा सकता है। फाइबर फूड पाचन तंत्र को सुधारता है शरीर से अतिरिक्त ओस्ट्रोजेन सहित त्याज्य तत्वों का नियमित रूप से खात्मा करता है। इससे शरीर को विषैले तत्व खत्म करने और नुकसान को सीमित करने में मदद मिलती है। पॉलीअनसेचुरेटेड फैट और मोनोअनसेचुरेटेड फैट को कम करने में मदद मिलती है। ऑलिव ऑयल, एवोकैडो फल, बीज और नट में भी ये तत्व मौजूद होते हैं।
विटामिन डी की भूमिका
विटामिन डी के प्रति जोखिम की पहचान के लिए कई प्रयास और अनुसंधान हुए हैं ताकि ब्रेस्ट कैंसर की रोकथाम की जा सके। विटामिन डी (45 नैनोग्राम से प्रति मिलीलीटर से अधिक) से शरीर में कैंसर से बचाव होता है।
भोजन और सूर्य की रोशनी में रहने से प्राप्त विटामिन डी से ब्रेस्ट कैंसर की रोकथाम में मदद मिल सकती है। विटामिन डी अंडों, कोल्ड वाटर फिश और फोर्टिफाइड उत्पादों में मौजूद होता है। शरीर के लिए रोजाना आवश्यक विटामिन डी अगर कम मिल पाता है तो इसकी भरपाई सप्लीमेंट से की जा सकती है।
फोलैट्स की भमिका
अध्ययनों से पता चलता है कि जो लोग 15 साल या इससे भी लंबे समय तक अपने भोजन और फोलिक एसिड सप्लीमेंट्स के जरिये औसत से ज्यादा फोलैट प्राप्त करते हैं, उन्हें कोलोन और ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम रहता है। फोलैट विटामिन बी में पाया जाने वाला पोषक तत्व है।
मुख्य आकर्षण
कोकोनट और बादाम से पौधा आधारित जैविक दूध बनाने का लाइन डेमो।
जैविक एंजाइम और नुस्खे ताकि डिटर्जेंट, रूम फ्रेशनर और बॉडी सोम जैसी घरेलू वस्तुओं में सुगंध के लिए अवांछित केमिकल्स से छुटकारा मिल सके।
विकारों को दूर करने के लिए जीवनशैली के पांच बिंदुओं पर बहस।
पुरुष और महिलाओं के लिए यौन स्वास्थ्य पर लंबी कार्यशाला। महिलाओं के लिए मासिक धर्म स्वास्थ्य पर भी चर्चा।
कैंसर की जल्दी पहचान और रोकथाम के लिए आसान उपाय के तौर पर आरोग्य कार्ड गेम्स।
थर्मो मेमोग्राम के जरिये स्वतः ब्रेस्ट परीक्षण का प्रदर्शन
इस तरह, फल और सब्जियों से भरपूर और कम चीनी और कम वासा वाले स्वास्थ्यवर्धक भोजन से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम किया जा सकता है। इससे मोटापे का भी खतरा घट सकता है जो ब्रेस्ट और दूसरे तरह के कैंसरों का खतरा बढ़ाता है।