आम आदमी पार्टी झारखंड और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लड़ने की संभावना नहीं है, क्योंकि पार्टी दोनों राज्यों में मतदाताओं के मन में भ्रम पैदा करने के बजाय दिल्ली चुनावों पर ध्यान केंद्रित करना चाहती है, जिससे भाजपा विरोधी वोट बंट सकते हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि पार्टी इंडिया गठबंधन को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहती है। हालांकि, संगठनात्मक विस्तार के लिए महाराष्ट्र आप इकाई चुनाव में जाना चाहती है, लेकिन आप के शीर्ष नेतृत्व से मंजूरी मिलने की संभावना नहीं है।
सूत्रों ने आगे बताया, "हमारा ध्यान दिल्ली पर है और हम महाराष्ट्र के मतदाताओं के मन में और अधिक भ्रम पैदा नहीं करना चाहते, जिससे भाजपा विरोधी वोट बंट जाएं।"
11 अक्टूबर को आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) और राज्यसभा सांसद संदीप पाठक ने दिल्ली चुनाव के लिए पार्टी मुख्यालय में बूथ तैयारियों को लेकर एक अहम बैठक की।
बैठक में पार्टी के प्रदेश से लेकर बूथ स्तर तक के पदाधिकारी शामिल हुए। संदीप पाठक ने कार्यकर्ताओं से बातचीत की।
उन्होंने कहा, "आप विधानसभा चुनावों के लिए पूरी तरह तैयार है और उन्होंने दिल्ली में पहले से ही मजबूत संगठन को और मजबूत करने तथा राज्य में हर बूथ को मजबूत बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।"
उन्होंने कहा, "चुनाव नजदीक आते ही भाजपा एक बार फिर आप के खिलाफ साजिश रचेगी।" उन्होंने सभी से भाजपा के किसी भी जाल में न फंसने और केवल दिल्लीवासियों के लिए काम करने की अपनी राजनीति पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया।
गौरतलब है कि दिल्ली में विधानसभा चुनाव 2025 की शुरूआत में होने की उम्मीद है। 2020 के विधानसभा चुनाव में आप ने 70 में से 62 सीटें जीतीं और भाजपा ने आठवीं सीट हासिल की।
इससे पहले, आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हरियाणा चुनाव परिणामों से मिली सबसे बड़ी सीख यह है कि कभी भी अति आत्मविश्वासी नहीं होना चाहिए। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से अगले साल होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए कड़ी मेहनत करने का आग्रह किया।
8 अक्टूबर को अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में AAP पार्षदों को संबोधित करते हुए कहा, "चुनाव नजदीक आ रहे हैं। चुनावों को हल्के में नहीं लेना चाहिए। आज के चुनाव से सबसे बड़ी सीख यह है कि कभी भी अति आत्मविश्वासी न बनें। हर चुनाव, हर सीट मुश्किल होती है।"