नवनिर्वाचित 90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में 86 विधायक (96 प्रतिशत) करोड़पति हैं जबकि 12 (13 प्रतिशत) अपने खिलाफ आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं. चुनाव संबंधी आंकड़ों का विश्लेषण करने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के एक विश्लेषण से यह जानकारी सामने आई है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) एंड हरियाणा इलेक्शन वॉच ने सभी 90 विजयी उम्मीदवारों के हलफनामे का विश्लेषण करने के बाद ये आंकड़े जारी किए जो बताते हैं कि करोड़पति विधायकों का आंकड़ा 2019 के 93 प्रतिशत से बढ़कर इस बार 96 प्रतिशत हो गया है. आंकड़े दर्शाते हैं कि 90 विधायकों में से 44 प्रतिशत के पास 10 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है जबकि सिर्फ 2.2 प्रतिशत के पास 20 लाख रुपये से कम की संपत्ति है.
प्रत्येक विजयी उम्मीदवार की औसत संपत्ति 24.97 करोड़ रुपये है, जो 2019 के 18.29 करोड़ रुपये से काफी अधिक है. पार्टीवार देखें तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 96 प्रतिशत विधायकों, कांग्रेस के 95 प्रतिशत विधायकों तथा इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) एवं निर्दलीय दोनों के 100 प्रतिशत विजेताओं ने एक करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति घोषित की है. हिसार से निर्दलीय विधायक सावित्री जिंदल इस सूची में शीर्ष पर हैं जिनकी कुल संपत्ति 270 करोड़ रुपये से अधिक है. इसके बाद भाजपा की शक्ति रानी शर्मा और श्रुति चौधरी के पास क्रमश: 145 करोड़ रुपये और 134 करोड़ रुपये की संपत्ति है. वर्ष 2024 में कुल 30 विधायक दोबारा चुनकर विधानसभा पहुंचे हैं जिनकी औसत संपत्ति में 2019 से 59 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और यह 9.08 करोड़ रुपये से बढ़कर 14.46 करोड़ रुपये हो गई है जो पिछले पांच वर्ष में विधायकों को हुए उल्लेखनीय वित्तीय लाभ को दर्शाता है.
आंकड़े बताते हैं कि जीतने वाले उम्मीदवारों में से जिन 12 ने आपराधिक मामलों का खुलासा किया है उनमें छह गंभीर आरोपों का सामना कर रहे हैं और एक विधायक हत्या के प्रयास के मामले में आरोपी है. वर्ष 2019 में सात उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले थे. पार्टीवार देखें तो 19 प्रतिशत कांग्रेस विधायकों, छह प्रतिशत भाजपा विधायकों और 67 प्रतिशत निर्दलीय विजेताओं ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं. विश्लेषण से यह भी पता चला कि 28 विजयी उम्मीदवारों ने एक करोड़ रुपये या उससे अधिक की देनदारी घोषित की है, जिनमें लोहारू से कांग्रेस के राजबीर फरटिया 44 करोड़ रुपये की देनदारी के साथ शीर्ष पर हैं.