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दलाई लामा से मिलने के बाद अमेरिका के टॉप अधिकारी ने कहा- तिब्बती लोगों को आत्मनिर्णय का अधिकार है

अमेरिकी संसद की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष माइकल मैककॉल ने बुधवार को कहा कि तिब्बती लोगों को...
दलाई लामा से मिलने के बाद अमेरिका के टॉप अधिकारी ने कहा- तिब्बती लोगों को आत्मनिर्णय का अधिकार है

अमेरिकी संसद की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष माइकल मैककॉल ने बुधवार को कहा कि तिब्बती लोगों को आत्मनिर्णय का अधिकार है। उन्होंने जोर देकर यह भी कहा कि उनकी (तिब्बतियों की) एक अनूठी संस्कृति और धर्म है और उन्हें अपने धर्म का स्वतंत्र रूप से पालन करने में सक्षम होना चाहिए।

धर्मशाला में तिब्बतियों के धार्मिक गुरु दलाई लामा से मुलाकात करने वाले अमेरिकी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे मैककॉल ने कहा कि यही कारण है कि ‘‘हम आज ‘चीन की कम्युनिस्ट पार्टी’ (सीसीपी) की अवहेलना करते हुए यहां पहुंचे हैं’’।

उन्होंने धर्मशाला स्थित केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (सीटीए) द्वारा आयोजित एक समारोह में कहा कि सीसीपी द्वारा हिंसा किये जाने और दलाई लामा को घर से जबरन निकाले जाने के बावजूद वह (तिब्बती धर्मगुरु) सहिष्णुता, शांति और क्षमा का उपदेश देना जारी रखे हुए हैं।

मैककॉल ने जोर देकर कहा कि लोकतंत्र में लोग स्वतंत्र होते हैं, जबकि वे (तिब्बती) निरंकुश शासन के तहत गुलाम हैं।

मैककॉल ने कहा, ‘‘तिब्बती लोगों का एक अलग धर्म, संस्कृति और ऐतिहासिक पहचान है तथा उन्हें अपने भविष्य के बारे में अपनी राय रखने का अधिकार होना चाहिए। आपको अपने धर्म का स्वतंत्र रूप से पालन करने में सक्षम होना चाहिए और यही कारण है कि हम आज सीसीपी की चेतावनी की अवहेलना करते हुए यहां आए हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे प्रतिनिधिमंडल को सीसीपी से एक पत्र मिला, जिसमें हमें यहां न आने की चेतावनी दी गई थी। उन्होंने अपना झूठा दावा दोहराया कि तिब्बत 13वीं शताब्दी से चीन का हिस्सा है, लेकिन सीसीपी की चेतावनियों से प्रभावित हुए बिना हम आज यहां हैं।’’

उन्होंने कहा कि दलाई लामा, तिब्बत के लोग और अमेरिका, सभी जानते हैं कि तिब्बत, चीन का हिस्सा कतई नहीं है।

मैककॉल ने कहा कि इस यात्रा का समय इससे बेहतर नहीं हो सकता, क्योंकि पिछले सप्ताह प्रतिनिधि सभा और अमेरिकी कांग्रेस ने ‘तिब्बत (विवाद) समाधान’ विधेयक पारित किया था, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि तिब्बत की अपनी अनूठी संस्कृति, और धर्म है तथा उसे आत्मनिर्णय का अधिकार है।

 

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