गुजरात के प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर में पूर्व अनुमति के बिना गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर रोक का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस मुद्दे पर एनडीए के अंदर के अंदर ही घमासान शुरू होता नजर आ रहा है। एनडीए की केंद्र सरकार में मंत्री रामविलास पासवान ने मंदिर प्रबंधन के इस फैसले को गलत बताया है। अहमदाबाद में पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए पासवान ने कहा कि धर्म और जाति के आधार पर मंदिर में प्रवेश को लेकर भेदभाव नहीं होना चाहिए। मंदिर में प्रवेश के लिए पूर्व अनुमति लेने की व्यवस्था सही नहीं है।
सोमनाथ मंदिर प्रबंधन ने सोमवार से अचानक इस तरह की पाबंदी लगा दी है, जिसे लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। मंदिर के द्वार पर लगे नोटिस बोर्ड पर लिखा है, ‘श्री सोमनाथ ज्योतिर्लिंग हिंदुओं के लिए तीर्थ स्थान है। इस पवित्र तीर्थ स्थल पर गैर हिंदुओं को प्रवेश के लिए (मंदिर के) महाप्रबंधक कार्यालय से इजाजत लेनी होगी।’ गुरुवार को सोमनाथ मंदिर में दर्शन करने वाले भाजपा के नेता सुब्रम्ण्यम स्वामी ने गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर पाबंदी का समर्थन किया हैं। स्वामी का तर्क है कि मंदिर की शुचिता के लिए यह जरूरी है। पूजा के लिए आने वालों और घूमने आने वालों के बीच फर्क होना चाहिए। नेता स्वामी ने कहा, गैर हिंदू मंदिरों व हिंदुओं की परंपरा को नहीं जानते, इसलिए उन्हें मंदिर जाने से रोकना उचित है।
फिर अमिताभ क्यों सबको सोमनाथ बुला रहे हैं ?
भले ही सोमनाथ मंदिर में बिना इजाजत गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। लेकिन गुजरात टूरिज्म के एक विज्ञापन में अमिताभ बच्चन देश-विदेश के लोगों को सोमनाथ मंदिर आने और कुछ दिन गुजरात में गुजारने के लिए आमंत्रित करते हैं। 'खुशबू गुजरात की' श्रृंखला के तहत बनाए गए ये विज्ञापन काफी लोकप्रिय रहे। वर्ष 2010 में नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री रहने के दौरान अमिताभ बच्चन को गुजरात टूरिज्म का ब्रांड एंबेसेडर बनाया गया था। तब खासतौर पर यह विज्ञापन अभियान शुरू किया गया था। यहां उस वीडियो का लिंक दिया जा रहा है जिसमें अमिताभ बच्चन गुजरात के ब्रांड एंबेसेडर के तौर पर पर्यटकों को सोमनाथ मंदिर में दर्शन के लिए बुला रहे हैं।
https://www.youtube.com/watch?v=bqqaA-OqUDU
सुरक्षा और धार्मिक पवित्रता का सवाल
मंदिर के प्रबंधकों ने धार्मिक स्थल की ‘पवित्रता’ और सुरक्षा का हवाला देते हुए कहा कि बिना इजाजत गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर रोक लगाने का फैसला किया है। सोमनाथ मंदिर के प्रबंधकों का कहना है कि देश में कई मंदिरों में इस तरह का नियम है, जिसे देखते हुए सुरक्षा के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है। यह तर्क भी दिया जा रहा है कि अन्य धर्म के लोग अपने धार्मिक स्थलों पर गैर-अनुयायियों के प्रवेश की अनुमति नहीं देते। दक्षिण भारत के कई मंदिरों में भी गैर-हिंदुओं का प्रवेश वर्जित है। लेकिन सोमनाथ मंदिर में आने वाले हिंदुओं और गैर-हिंदुओं की पहचान किस प्रकार की जाएगी, यह स्पष्ट नहीं किया गया है।
राजनीति से पुराना नाता
वैसे सोमनाथ मंदिर का हिंदुत्व की राजनीति से नाता काफी पुराना है। इसके ट्रस्टियों में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी शामिल हैं। लाल कृष्ण अडवाणी ने राम मंदिर निर्माण के लिए अपनी रथयात्रा सोमनाथ से ही शुरू की थी। माना जाता है कि भगवान शिव के 12 ज्योर्तिलिंगों में से पहला ज्योर्तिलिंग सोमनाथ मंदिर में है। हर साल दुनिया भर के लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं।