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समाजवादी पार्टी में वर्चस्व की जंग से कार्यकर्ताओं में निराशा

समाजवादी पार्टी में एक बार फिर वर्चस्व की जंग छिड़ गई है। इस जंग से कार्यकर्ताओं में निराशा पैदा हो गई है। बीते दो दिनों में मुख्यमंत्री अखिलेेश यादव और प्रदेश सपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव द्वारा जारी जंग का असर यह होने लगा है कि पार्टी में अब बड़ी दरार पड़ती जा रही है।
समाजवादी पार्टी में वर्चस्व की जंग से कार्यकर्ताओं में निराशा

पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की जो सूची जारी की उससे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव खासा नाराज हो गए। इसको लेकर अखिलेश ने अपने समर्थकों के साथ बैठक कर यह सुनिश्चित किया कि पार्टी से अलग होकर चुनाव लड़ा जाए तो कैसी स्थिति रहेगी। समर्थकों का जोश देखकर मुख्यमंत्री ने अपने करीबियों की एक सूची जारी कर दी। इस सूची में कुछ नाम तो पूर्ववर्ती सूची से मेल खाते थे लेकिन कुछ नए नाम थे। इसको लेकर कई जगहों पर कार्यकर्ताओं में असमंजस देखा गया कि आखिर समाजवादी पार्टी का असली उम्मीदवार कौन है?


अखिलेश यादव के एक करीबी नेता के मुताबिक अगर पार्टी प्रमुख ने फैसला नहीं माना तो सपा से अलग होकर चुनाव लड़ा जाएगा। लेकिन वर्चस्व की इस जंग में सबसे बड़ा खतरा कार्यकर्ताओं का दूसरे दलों में खिसकना माना जा रहा है। परिवार की आपसी कलह से कार्यकर्ता इसलिए भी निराश हो रहे हैं कि आपसी लड़ाई में पार्टी के लिए बड़ा खतरा पैदा हो जाएगा। जहां अखिलेश समर्थकों को टिकट मिला है वहां शिवपाल के समर्थक विरोध करेंगे और जहां शिवपाल के समर्थकों को टिकट मिलेगा वहां अखिलेश समर्थक विरोध करेंगे। ऐसे में कार्यकर्ताओं का मनोबल टूट रहा है।

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