पार्टी के पूर्व सदस्य विनोद कुमार बिन्नी ने पार्टी के मौजूदा विधायकों अलका लांबा, मनोज कुमार, राजू धिंगान और बंदना कुमारी पर मानहानि का मुकदमा दायर किया था। इन चारों विधायकों ने अदालत में अपनी सफाई तक पेश नहीं की और न ही कोई लिखित बयान दर्ज कराया।
हाईकोर्ट की संयुक्त रजिस्ट्रार नीरा भरिहोके ने पार्टी और इसके विधायकों पर यह जुर्माना लगाया है। बिन्नी ने अपने मानहानि मामले में इन विधायकों पर आरोप लगाया था कि उन्होंने उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने वाले झूठे बयान और गैरकानूनी विरोध प्रदर्शन किया। इस पर रजिस्ट्रार ने सभी विधायकों को बिन्नी द्वारा लगाए आरोपों पर अपना स्पष्टीकरण देने का आदेश जारी किया था। सन 2015 का विधानसभा चुनाव बिन्नी ने भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर लड़ा था और अपनी छवि को नुकसान पहुंचाने वाले बयान देने वाली लांबा से 50 लाख रुपये तथा अन्य तीन विधायकों से कुल 50 लाख रुपये का हर्जाना मांगा था।
अपने वकील राहुल राजू मलिक के जरिये मानहानि मुकदमा दायर करते हुए भाजपा नेता ने आम आदमी पार्टी और इसके सदस्यों से माफीनामा प्रकाशित करने की मांग की थी। याचिका में कहा गया था कि टीवी चैनलों, प्रिंट मीडिया और सोशल मीडिया के जरिये इन नेताओं ने बिन्नी की छवि को बुरी तरह बिगाड़ने की कोशिश की है। यह सब अपने राजनीतिक हित साधने के उद्देश्य से किया गया। हाल ही में दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने लांबा की शिकायत पर बिन्नी और 37 अन्य नेताओं के खिलाफ आईटी अधिनियम की धारा 66ए तथा आईपीसी की धारा 354डी और 509 के तहत मामला दर्ज किया था। लांबा ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि बिन्नी ने सोशल मीडिया के जरिये उन पर झूठा इल्जाम लगाते हुए कहा था कि लांबा अपने घर में सेक्स रैकेट चलाती हैं।