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क्षेत्राधिकार की बलि चढ़ेगा `आप’ का लोकपाल

दिल्ली सरकार के लोकपाल कानून को लेकर आशंकाएं बलवती
क्षेत्राधिकार की बलि चढ़ेगा `आप’ का लोकपाल

दिल्ली सरकार ने लोकपाल कानून बना दिया। इसकी वैधानिकता और पिछले कानून की तुलना में इसके लचर होने को लेकर बहस अभी जारी है। एक बड़ा तबका इसे सशक्त लोकपाल देने के वादे से मुकरने तथा केंद्र और राज्य के बीच जानबूझकर विवाद बढ़ने की कवायद के रूप में देख रहा है। इसी बीच आज देश की संसद में संसदीय समिति ने लोकपाल के नियंत्रण में केंद्रीय सर्तकता आयोग और सीबीआई की भ्रष्टाचार रोधी शाखा को लाने की सिफारिश की है।

दिल्ली के लोकपाल कानून के क्षेत्राधिकार को भी लेकर घमासान मचा हुआ है। पिछले साल 2014 में अरविंद केंजरीवाल द्वारा पेश किए गए लोकपाल विधेयक में यह स्पष्ट तौर पर लिखा हुआ था कि इशकी परिधि में दिल्ली और एनसीटी में काम करने वाले राज्य के अधिकारियों की जांच करेगा। इसमें बाकायदा दिल्ली पुलिस, डीडीए, एनडएमसी, मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक, पार्षद आदि का उल्लेख था। दिल्ली सरकार ने अब जो लोकपाल कानून बनाया है उसके तहत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में होने वाले भ्रष्टाचार के सभी मामलों की जांच की बात लिखी हुई है। इसे माना जा रहा है कि यह सीधे-सीधे केंद्रीय मंत्रियों, केंद्रीय अधिकारियों को अपनी परिधि में लेने वाला है। इस पर हंगामा तय सा है। इस पर स्वराज अभियान के योगेंद्र यादव ने आउटलुक को बताया कि इस कानून के रूप में अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की जनता के साथ एक बड़ा धोखा किया है। दिन-दहाड़े डकैती जैसा। दिल्ली सरकार ने वादा किया था कि वह एक मजबूत-ताकतवर लोकपाल लाएगी, वह उसने नहीं किया। एक बेहद कमजोर लोकपाल बनाया और साथ में जानबूझकर केंद्र से भिड़ने वाले प्रावधान किए गए हैं, ताकि सारा फोकस ही इस नूरा-कुश्ती पर हो जाए।

इसके अलावा दिल्ली लोकपाल कानून में लोकपाल की नियुक्ति के लिए प्रावधान भी पहले के मसौदे से बदले हैं। कानून में नेताओं को ज्यादा तरजीह दी गई है। जबकि पिछले साल वाले मसौदे में उच्च न्यायालय के न्यायधीशों को भी रखा गया था। इसके अलावा लोकपाल चयन प्रक्रिया को भी कानून में खुला रखा गया है, जबकि पिछले साल के मसौदे में वह स्पष्ट लिखा गया था।

इस तरह से दिल्ली के मौजूदा कानून पर एक मजबूत लोकपाल की जगह एक कमजोर लोकपाल लाने और पूरी चयन प्रक्रिया को पारदर्शी न रखने का आरोप लग रहा है। हालांकि दिल्ली सरकार और उसके मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस कानून को दिल्ली की जनता से किए गए वादे को पूरा करना बता रहे हैं। आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह का कहना है कि दिल्ली का लोकपाल कानून लइस समय देश के सबसे सशक्त कानूनों में से एक है। लेकिन इसे लेकर जो सवाल उठ रहे हैं, उनकी जमीन पुख्ता है।

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