अखिलेश ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर शर्त रखी है कि मुलायम सिंह यादव को प्रधानमंत्री और राहुल गांधी को उपप्रधानमंत्री बनाया जाए। इसे लेकर राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि अखिलेश ने यह दांव इसलिए चला कि विधानसभा चुनाव में पार्टी उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी और नई टीम इस जीत की सूत्रधार होगी जबकि पार्टी के वरिष्ठ नेता राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी काे आगे ले जाएंगे। सपा के एक नेता के मुताबिक अखिलेश यादव का बयान सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है कि अगर कांग्रेस यह शर्त मानती है तो पार्टी फायदे में रहेगी। लेकिन कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि क्षेत्रीय स्तर पर तो पार्टी किसी भी नेतृत्व के साथ गठबंधन करने को तैयार है लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर यह संभव नहीं है।
कांग्रेस नेता के मुताबिक अभी लोकसभा चुनाव होने में समय है और अभी से ऐसी बात नहीं की जा सकती। लेकिन अखिलेश के इस बयान के बाद सियासी सरगर्मी शुरू हो गई है। कई विश्लेषक यह मानते हैं कि इस तरह का बयान देकर कांग्रेस पर दबाव बनाया जा रहा है। लेकिन कांग्रेस ऐसी शर्त बिल्कुल भी नहीं मानेगी। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी कांग्रेस का चेहरा होंगे और अभी पार्टी कोई जोखिम नहीं लेना चाहेगी। वैसे भी उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले कई राज्यों में चुनाव है उसके बाद ही कांग्रेस अपनी रणनीति का खुलासा करेगी।