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यूपी विधानसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ने खेला बड़ा दांव, विपक्ष को भी देना पड़ा साथ

उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ने एक बड़ा सियासी दांव खेला है।...
यूपी विधानसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ने खेला बड़ा दांव, विपक्ष को भी देना पड़ा साथ

उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ने एक बड़ा सियासी दांव खेला है। केंद्र सरकार ने संसद में संविधान (127वां संशोधन) विधेयक पेश कर दिया। इस विधेयक के पारित होने के बाद जहां राज्यों को एक बार फिर ओबीसी सूची में किसी जाति को अधिसूचित करने का अधिकार मिल जाएगा। वहीं इस कदम को सरकार की पिछड़ों में पकड़ और मजबूत करने के प्रयासों के तौर पर भी देखा जा रहा है।

कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष इस विधेयक का समर्थन करने की घोषणा कर चुका है। लिहाजा सरकार को संविधान संशोधन पारित कराने में कोई समस्या नहीं होगी। इस बिल के पास होने के बाद महाराष्ट्र में मराठा,हरियाणा में जाट, कर्नाटक में लिंगायत और गुजरात में पटेल को ओबासी में शामिल करने का अधिकार राज्यों को मिल जाएगा। इसका प्रभाव राज्यों की राजनीति पर पड़ेगा और भाजपा इसे भुनाने का हरसंभव प्रयास करेगी।

बता दें कि ओबीसी वर्ग को लेकर केंद्र सरकार का यह दूसरा बड़ा निर्णय है। इससे पहले मोदी सरकार ने मेडिकल के केंद्रीय कोटे में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देने की घोषणा की थी।

कहा जा सकता है कि इन तमाम कोशिशों के पीछे उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं। दरअसल, यादव को छोड़कर दूसरी पिछड़ी जातियां भाजपा को वोट करती रही हैं। वर्ष 2017 के चुनाव में बड़ी संख्या में ओबीसी ने भाजपा को वोट दिया था। इसलिए,भाजपा अपना बेस मजबूत कर रही है। उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा दोनों की नजर पिछड़ा वर्ग पर है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पिछड़ा वर्ग सम्मेलन कर ओबीसी मतदाताओं का विश्वास जीतने का प्रयास कर रहे हैं। जबकि बसपा ने ओबीसी जनगणना की मांग कर अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं। लिहाजा ओबीसी भाजपा से छिटकता है, तो चुनावी समीकरण बिगड़ सकता है। इसलिए, भाजपा अपना वोट बैंक कायम रखना चाहती है।

लोकसभा में पेगासस मुद्दे पर सरकार और विपक्ष में जारी तनातनी के बीच सरकार ने सोमवार को हंगामें के बीच तीन बिलों को पास कराया और तीन बिलों को पेश किया। अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) संविधान संशोधन विधेयक पर सरकार व विपक्ष की मोटी सहमति नजर आई और दोनों पक्ष इस पर साथ दिखे। इस विधेयक को सोमवार को सदन में पेश किया गया, जिसे मंगलवार को चर्चा कर पारित कराया जाएगा।

लोकसभा में विपक्ष भले ही पेगासस जासूसी मामले पर पीछे हटने को कतई तैयार नहीं है, उसने सोमवार को भी इसे लेकर अपना दबाब जारी रखा लेकिन सरकार ने राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माने जा रहे अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से संबंधित संविधान (127वां संशोधन) विधेयक, 2021 को भी पेश किया। इस दौरान कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि आज सभी विपक्षी दलों ने बैठक की तरफ से फैसला किया कि उक्त विधेयक पर सदन में चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि वे सब अन्य पिछड़ा वर्ग के कल्याण से संबंधित इस विधेयक को पारित कराना चाहते हैं।



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