भले हीं बिहार में नीतीश कुमार की अगुवाई में एनडीए की सरकार बन गई हो लेकिन राजधानी पटना में फिलहाल सियासी बयारी थमने का नाम नहीं ले रही है। विधानसभा चुनाव के बाद अब राज्यसभा की एक सीट पर हो रहे उपचुनाव को लेकर राजनीतिक गर्मियां जोरों पर है। वहीं, महागठबंधन और एनडीए, दोनों के नेता एक दूसरे पर बयानबाजी करने से बाज नहीं आ रहे हैं। दरअसल, पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोकजनशक्ति पार्टी के नेता रामविलास पासवान के निधन से खाली हुई राज्य सभा सीट पर उपचुनाव होने हैं। अब बीजेपी ने चिराग पासवान की पार्टी को किनारे लगाते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को प्रत्याशी बनाया है। वहीं, राजद भी अपने उम्मीदवार को उतारने की तैयारी में है। अटकलें लगाई जा रही है कि तेजस्वी चिराग की मां रीना पासवान को लेकर दांव लगा सकते हैं। इसी को लेकर सियासी हवा तेज है।
भाजपा नेता प्रेम रंजन पटेल ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि गठबंधन को विपक्ष में बैठने का जनादेश मिला है तो विपक्ष में बैठे। सरकार को अस्थिर करने और कमजोर करने की कोशिश न करें। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को चेतावानी देते हुए उन्होंने कहा कि स्पीकर के चुनाव में भी बेवजह हंगामा खड़ा किया था और अब राज्यसभा में भी बहुमत न होने के बावजूद परेशान हैं। उन्हें गठबंधन को बचाना मुश्किल हो जाएगा। कई घटक दल एनडीए में मिलने को तैयार हैं। वक्त आने पर वे एनडीए का हिस्सा होंगे।
वहीं, बीजेपी के दावे पर महागठबंधन ने पलटवार किया। कांग्रेस ने कहा कि जब जनादेश में ज्यादा अंतर नहीं होता है तो यही स्थिति उत्पन्न होती है। उन्होंने कहा कि बीजेपी दरसअल जेडीयू को तोड़ना चाहती है। आने वाले दिनों में जेडीयू टूट जायेगी।