कर्नाटक में सत्ता में आने के एक दिन बाद भाजपा विधानसभा अध्यक्ष के आर रमेश कुमार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने पर विचार कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, पार्टी का कहना है कि अगर वह स्वेच्छा से पद खाली नहीं करते हैं, तो पार्टी अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है।
सत्तारूढ़ भाजपा के एक विधायक ने पीटीआई को बताया, "अगर वे खुद इस्तीफा नहीं देते हैं तो हम अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे।"
विधायक ने कहा, "हमारा पहला एजेंडा विश्वास प्रस्ताव को जीतना है और सोमवार को वित्त विधेयक पारित होना है। हम इंतजार करेंगे और देखेंगे कि स्पीकर खुद से इस्तीफा देते हैं या नहीं।"
प्रदेश में सियासी उथल-पुथल के बीच बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व में भाजपा शुक्रवार को सत्ता में आई। वहीं अध्यक्ष के आर रमेश कुमार ने कांग्रेस के तीन विधायकों, रमेश जारकीहोली, महेंद्र कुमाथल्ली और आर शंकर को अयोग्य करार दिया। विधानसभा अध्यक्ष ने यहां तक संकेत दिया था कि एक दो दिनों में वह बाकी विधायकों को लेकर निर्णय ले लेंगे। बागी विधायकों के इस्तीफे की वजह से कर्नाटक में गठबंधन सरकार गिर गई।
मौजूदा स्पीकर की शक्तियां सीमित करने की कवायद
संविधान के आर्टिकल 179 (सी) में ये प्रावधान है कि किसी भी विधानसभा स्पीकर को सदन में प्रस्ताव लाकर उसे बहुमत से पास करवा कर पद से हटाया जा सकता है। इसके लिए, किसी भी मौजूदा स्पीकर को हटाने के लिए 14 दिन पहले प्रस्ताव का नोटिस देने की आवश्यकता होती है। जैसे ही प्रस्ताव लाया जाता है, उसके बाद स्पीकर की शक्तियां सीमित हो जाती हैं। वो फिर किसी को अयोग्य नहीं ठहरा सकता है।
‘भाजपा राज्य में स्थिर सरकार प्रदान करेगी’
भाजपा के दूसरे नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि भाजपा सरकार को स्थिरता के लिए बागी विधायकों का समर्थन अहम होगा। ये सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव उपाय किया जाएगा कि वो अयोग्य घोषित न हों। भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि कर्नाटक में एचडी कुमारस्वामी सरकार अपने ही वजन से गिर गई और बीजेपी राज्य में एक स्थिर सरकार प्रदान करेगी। बीजेपी स्थिरता का पर्याय है। हम जहां भी जाते हैं, स्थिरता लाते हैं। नड्डा ने पहली बार कर्नाटक संकट पर बात की और कहा कि वो देखेंगे कि कांग्रेस-जेडीएस के बागी विधायकों के साथ कैसे डील हो सकती है।