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एकनाथ खडसेः विवादों के मंत्री

महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे एक के बाद एक विवादों से घिरते जा रहे हैं। खडसे पर पहले अंडरवल्र्ड सरगना दाउद इब्राहिम से फोन पर बातचीत का मामला सामने आया उसके तुरत बाद पत्नी और दामाद के नाम पर करोड़ों की जमीन खरीदने का भी आरोप लगा। विपक्ष इसे मुद्दा बनाकर खडसे का इस्तीफा मांग रही हैं वही भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की मुश्किलें भी बढ़ गई है।
एकनाथ खडसेः विवादों के मंत्री

खडसे पर आरोप है कि उन्होने अपनी पत्नी मंदाकिनी और दामाद गिरिश चौधरी के नाम पर महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (एमआईडीसी) की 40 करोड़ रूपये की जमीन महज 3 करोड़ 75 हजार रूपये में खरीद लिया। पुणे के पिंपरी-चिंचवडी शहर के भोसरी इलाके में एमआईडीसी ने यह जमीन करीब 25 साल पहले अधिग्रहित किया था। एमआईडीसी ने इस जमीन के इस्तेमाल के लिए इसकी प्लाटिंग भी कर ली। लेकिन इस जमीन का कोई उपयोग नहीं हुआ। इस बीच सितंबर 2015 में अब्बा‍स उकानी नाम के व्यक्ति ने बॅाम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की कि यह जमीन उसकी है। हाईकोर्ट ने अब्बा‍स की याचिका खारिज कर दिया। इस बीच अब्बा‍स ने राजस्व विभाग से जमीन के लिए दावा किया। लेकिन राजस्व विभाग से इस जमीन पर किसी प्रकार का निर्णय आने से पहले ही खडसे ने यह जमीन 28 अप्रैल 2016 को अब्बा‍स उकानी से 3 करोड़ 75 लाख में खरीद ली। जबकि इस जमीन का बाजार भाव करीब 40 करोड़ रूपये हैं। बताया जा रहा है कि उकानी ने किसी प्रकार के विवाद से बचने के लिए इस जमीन को कम दामों में बेच दिया। 

इस बीच पेशे से बिल्डर हेमंत गावंडे ने सूचना के अधिकार के जरिए इस जमीन की वस्तुस्थिति जानी। गावंडे ने मीडिया के समक्ष पेश किए गए दस्तावेज में बताया कि यह जमीन अभी भी एमआईडीसी के पास है और इसके मालिकाना हक को लेकर मामला राजस्व विभाग में लंबित है। गावंडे का दावा है कि खडसे ने अपने रसूख का इस्तेमाल कर इस जमीन को कौडिय़ों के भाव में खरीद लिया। हेमंत के आरोपों को खारिज करते हुए खडसे ने बयान जारी कर कहा कि यह जमीन उन्होने अब्बा‍स उकानी से खरीदी है। बयान में यह भी कहा गया है कि उक्त‍ जमीन के पेपर पर एमआईडीसी का नाम अन्य हक के दावेदार के रूप में होने के बावजूद उसने पिछले 40 वर्षों में अधिग्रहण का काम पूरा नहीं किया। खडसे की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया कि जमीन के खरीद-फरोख्त‍ की पूरी कार्यवाही नियमानुसार टीडीएस भर कर पूरी की गई है। लेकिन हेमंत का आरोप है कि खडसे ने जो जमीन खरीदी है, उस जमीन के पेपर एमआईडीसी के नाम पर होने के बावजूद दबाव बनाकर राजस्व मंत्री ने अपनी पत्नी और दामाद के नाम पर करा लिया।
दूसरी ओर दाऊद इब्राहिम से बातचीत का मामला उठाने वाले मनीष भंगाले ने अपने दावे को सही ठहराने के लिए बॉम्बे‍ हाईकोर्ट में याचिका लगाकर पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। भंगाले का कहना है कि उन्होने पाकिस्तान टेलिकम्यु‍निकेशन का सिस्टम हैक कर यह जानकारी हासिल की कि दाऊद की पत्नी महजबीं शेख के नाम लगे लैंड लाइन से खडसे के नाम पर रजिस्टर नंबर पर कई बार बातचीत की गई। वहीं खडसे ने दावा किया कि जिस से बातचीत की बात कही जा रही है वह एक साल से बंद है। महाराष्ट्र के मुख्य‍मंत्री ने इस मामले में जांच के आदेश भी दिए थे। लेकिन मुंबई पुलिस ने खडसे को क्ली‍न चिट दे दिया। लेकिन मनीष भंगाले इस मामले की जांच कराने में जुटे हैं। खडसे पर उनके करीबी द्वारा 30 करोड़ रूपये की घूस मांगे जाने का भी आरोप लग चुका है।
एक के बाद एक आरोपों से घिरते जा रहे खडसे को लेकर पार्टी का शीर्ष नेतृत्व चिंतित है। हालांकि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने खडसे पर लगे आरोपों के बारे में कहा कि जांच के बाद अगर आरोप सही पाए जाते हैं तो पार्टी कोई कदम उठाएगी। वहीं केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने भी कहा कि खडसे के खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई तभी होगी जब उन पर लगे आरोप साबित हो।

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