कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह जहां पार्टी के अंदर सर्जरी की बात करते हैं वहीं पार्टी के वरिष्ठ नेता सत्यव्रत चतुर्वेदी यह कहते हैं कि जो लोग सर्जरी की बात कर रहे हैं पहले वह अपने गिरेबान में झाके। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के आपसी झगड़े खुलकर सामने आ रहे हैं। एक तरफ कांग्रेस महासचिव ने कहा कि बटला हाउस एन्काउंटर गलत था वहीं कांग्रेस के दूसरे नेता और पूर्व गृह मंत्री शिवराज पाटिल कह रहे हैं कि बटला हाउस एन्काउंटर सही था।
नेताओं के आपसी मतभेद को लेकर पार्टी के अंदर मंथन तेज हो गया है। यह सब कुछ ऐसे समय में शुरू हुआ है जब पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर चुनौती मिल रही है। असम और केरल जैसे राज्य कांग्रेस गंवा चुकी है और कई राज्यों में संकट की स्थिति में नजर आ रही है। सवाल कांग्रेस मुक्त भारत को लेकर भी होने लगा है। लेकिन कांग्रेस नेता आश्वस्त हैं कि ऐसा कुछ नहीं है जो लोग कांग्रेस मुक्त भारत की बात कर रहे हैं पहले उन्हें सोचना चाहिए कि उनका कितना विस्तार हो रहा है।
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी कहते हैं अभी 2 वर्ष हुए हैं इस सरकार को केंद्र में आए हुए। सिंघवी के मुताबिक साल 2014 की तुलना 2016 से करें तो 2014 के लोकसभा चुनाव के हिसाब से भाजपा ने 590 सेंगमेंट से चुनाव लड़े थे और 104 में वो जीती थी। लेकिन इस बार वो वो 661 लड़े और जीते 64 में। अब देश की जनता को निर्णय करना है कि 661 में 64 जीतना बेहतर है या 590 में 104 जीतना बेहतर है।
सिंघवी इसी तरह से कांग्रेस के आंकड़े का हवाला देते हुए कहते हैं कि कांग्रेस ने 749 सेगमैंट में लड़ी और 110 में जीती, चौंकाने वाला आंकडा इस बार 2016 में उससे आधे से कम में 344 पर लड़ी और 100 में जीती।
सिंघवी भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बयान पर निशाना साधते हैं जिसमें शाह ने कांग्रेस मुक्त भारत की बात कही। सिंघवी कहते हैं कि भाजपा अध्यक्ष को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि तमिलनाडु भाजपा मुक्त है, केरल में करीब-करीब भाजपा मुक्त भारत है, पश्चिम बंगाल में करीब-करीब भाजपा मुक्त भारत है। ऐसे में कांग्रेस मुक्त भारत की बात कैसे हो सकीत है।