साल 2016 के विधानसभा चुनाव में एआईडीएमके लगातार दूसरी बार सरकार बनाने जा रही है। भले ही इस बार एआईडीएमके के सीटों की संख्या कम हुई हो लेकिन रुझानों से बहुमत मिलता नजर आ रहा है। मतदान पूर्व यह कहा जा रहा था कि राज्य में सत्ता परिवर्तन होगा जैसा कि बीते ढाई दशक से होता आ रहा था। तमाम मीडिया सर्वेक्षण में भी यही बात सामने आ रही थी। लेकिन इन सबको धत्ता बताते हुए राज्य की जनता ने एक बार फिर जयललिता को सरकार बनाने का मौका दिया है।
साल 2011 के विधानसभा चुनाव में जयललिता ने डीएमके को करारी हार देते हुए 150 सीटें हासिल की थीं। जबकि डीएमके हिस्से में 23 सीटें आई थी। वहीं विजयकांत की पार्टी को 29 सीटें मिली थीं।