बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) नेता नीतीश कुमार को एक तगड़ा झटका लगा है। पटना हाई कोर्ट ने जीतन राम मांझी के मुख्यमंत्री रहते हुए नीतीश के विधायक दल का नेता चुने जाने को अवैध बताया है। और फिलहाल इस पर रोक लगा दी है।
राज्य में राजनीतिक उठा-पटक चरम पर है। मांझी मुख्यमंत्री पद छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं। मांझी से नाराज़ जेडीयू उन्हें पार्टी से निष्कासित कर चुकी है। इस बीच नीतीश फिर से मुख्यमंत्री बनने की कवायद में जुटे हैं। उन्होंने राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी पर ढुलमुलपन का आरोप भी लगाया। राज्यपाल से नाराज़ नीतीश राष्ट्रपति से मिलने अपने समर्थक विधायकों के साथ दिल्ली पहुंचे हुए हैं। ऐसे में पटना हाई कोर्ट से आ रही ख़बर उनके लिए ज़रूर बेचैन करने वाली है।
पटला हाईकोर्ट में माझी खेमे के विधायक राजेश्वर राज ने इस मामले में एक याचिका दायर की थी। इस मामले में अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी। हालांकि कोर्ट ने इसे राजनीतिक मामला मानते हुए राज्यपाल के फैसले का इंतज़ार करने की बात कही है। लेकिन फिलहाल तो कोर्ट ने नीतीश के सामने एक नई मुश्किल खड़ी कर ही दी है।
कोर्ट का कहना है कि विधायक दल की बैठक बुलाने का अधिकार सिर्फ़ मुख्यमंत्री को है। उसकी अनुपस्थिति में विधायक दल की बैठक करना और नया नेता चुन लिया जाना अवैध है।