संघ ने सरकार द्वारा शुरू की गई स्वच्छता अभियान, गंगा सफाई अभियान की भी सराहना की। जिससे यह प्रतीत होता है कि संघ में मोदी का वर्चस्व अभी कायम है। भाजपा की केंद्र में पूर्ण बहुमत के साथ सरकार आने के बाद संघ में निर्णय लेने वाले उसके शीर्ष निकाय प्रतिनिधि सभा की इस पहली बैठक में विविध मुद्दों पर चर्चा हुई। नागपुर में आयोजित अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में जो उद्बोधन सुनने को मिला उससे यही प्रतीत होता है कि संघ अभी सरकार की नीतियों से संतुष्ट है। संघ बदलाव के क्रम में ऊर्जावान लोगों को जिक्वमेवारी सौंपकर अपने कार्यक्रमों में और तेजी लाना चाहता है।
लोकसभा चुनाव में भाजपा की शानदार जीत सुनिश्चित करने में अपने स्वयंसेवकों की अहम भूमिका के बाद संघ और तेजी से आगामी तीन वर्षों की रूपरेखा बना रहा है ताकि जो हिन्दुत्व का एजेंडा है उसे पूरी तरह से उभारा जा सके। इसके लिए शिक्षण कार्यक्रमों में बदलाव से लेकर कई तरह के आयोजन शामिल हैं। जिसके लिए संघ सरकार के भी संपर्क में है। समर्थ भारत संघ का नया नारा है जिसमें युवाशञ्चित को नया मंच मुहैया कराने के साथ-साथ संघ की नीतियों को आगे ले जाने की जिक्वमेवारी होगी। संघ युवाओं को शाखा में आने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से प्रचारकों की संख्या भी बढ़ाएगा ताकि ज्यादा से ज्यादा युवा जुड़ सकें। संघ ने अपने विस्तार कार्यक्रम के तहत यह रणनीति बनाई है कि जिस प्रकार पिछले तीन वर्षों में दैनिक शाखों, साप्ताहिक बैठकों मे वृद्घि हुई है उसी प्रकार की वृद्घि आगामी तीन वर्षों में भी हो। तीन साल पहले संघ की दैनिक शाखाओं, साप्ताहिक बैठकों और मासिक मंडलियों की 43,000 इकाइयां थीं जो अब बढक़र 55,000 हो गयी है। संघ के आंकड़ों के अनुसार इस समय 33222 स्थानों पर 51330 शाखाएं, 12847 साप्ताहिक मिलन कार्यक्रम और 9008 संघ मंडली है।
जम्मू-कश्मीर सहित उत्तर-पूर्व के राज्यों के लिए भी संघ ने अलग एजेंडा तैयार किया है जिसका फिलहाल खुलासा नहीं किया है लेकिन संकेत दे दिया है कि आने वाले दिनों में अगर स्थितियां नहीं सुधरी तो निर्णय लिया जाएगा। संघ नेताओं ने माना कि जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने आतंकवादियों, हुर्रियत कॉन्फ्रेस तथा पाकिस्तान को शांतिपूर्ण चुनाव देने का श्रेय देने वाला वक्तव्य सभी दृष्टि से अवांक्षनीय है। संघ के संयुक्त महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि अनुच्छेद 370 पर संघ का रख बदला नहीं है, हम इस मुद्दे पर कभी समझौता नहीं करेंगे। हम स्थिति सुधारना चाहते हैं। यदि स्थिति में सुधार नहीं होता है तो हम निर्णय लेंगे।
होसबोले ने कहा कि देश नाराज है। हमें नहीं लगता कि जम्मू-कश्मीर में जो हो रहा है वह सही है लेकिन हमें यह निष्कर्ष नहीं निकाल लेना चाहिए कि सरकार असफल हो गई है। वहीं दूसरी ओर उत्तर-पूर्व के राज्यों में संघ अपनी भूमिका को और बढ़ावा देना चाहता है। साथ ही उन राज्यों पर भी ध्यान देने की तैयारी है जहां विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। संघ के प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद के मुताबिक संघ प्रमुख मोहन भागवत द्वारा हिंदुओं के बीच एकता लाने का जो प्रयास है उसे और आगे बढ़ाया जाएगा। संघ के वरिष्ठï नेता दत्तात्रेय होसबोले का मानना है कि भारत में कोई अल्पसंख्यक नहीं है जहां सब लोग सांस्कृतिक, राष्ट्रीयता और डीएनए से हिंदू हैं। संघ की इस प्रतिनिधि सभा में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, पार्टी महासचिव व संघ पदाधिकारी रह चुके राममाधव, विश्व हिंदू परिषद के नेता प्रवीण तोगडिय़ां बैठक में शामिल हुए।