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मुकेश सहनी का हाल चिराग पासवान जैसा ना हो जाए, मंत्री के बगावती तेवर पर जेडीयू ने क्यों दे डाली ये नसीहत

विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) बिहार एनडीए का घटक दल है। राज्य विधानसभा चुनाव में अपनी सीट हार चुके...
मुकेश सहनी का हाल चिराग पासवान जैसा ना हो जाए, मंत्री के बगावती तेवर पर जेडीयू ने क्यों दे डाली ये नसीहत

विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) बिहार एनडीए का घटक दल है। राज्य विधानसभा चुनाव में अपनी सीट हार चुके वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी नीतीश सरकार में मत्स्य एवं पशुपालन मंत्री हैं। पिछले कुछ दिनों से सहनी लगातार सुर्खियों में हैं। एनडीए की बैठक का मंत्री मुकेश सहनी बहिष्कार भी कर चुके हैं। वहीं, बुधवार को उन्होंने कहा था कि पर्दे के पीछे से कोई उन्हें तोड़ने की कोशिश करेगा तो वह पूरे पर्दे को ही आग लगा देंगे। उनकी पार्टी के विधायक पूरी मजबूती से साथ खड़े हैं।

 

मुकेश सहनी के बगावती तेवर पर अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने नसीहत देते हुए कहा है कि ऐसा न हो कि उनका हाल चिराग पासवान जैसा हो जाए। दरअसल, चिराग पासवान अपनी पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) में अलग-थलग पड़े हुए हैं। पशुपति कुमार पारस अब इसके सुप्रीमो बन चुके हैं। वहीं, चिराग अभी भी मुखिया होने का दावा कर रहे हैं।

जेडीयू सांसद सुनील कुमार पिंटू ने कहा है कि मुकेश सहनी अलग राह पर चले तो उनका भी हाल चिराग पासवा के जैसा हो जाएगा। सांसद सुनील कुमार ने कह है कि यदि मुकेश सहनी भी चिराग जैसा करेंगे तो सभी विधायक एनडीए में रह जाएंगे और वीआईपी के मुखिया का हाल चिराग पासवान वाला हो जाएगा।

मंत्री मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी यूपी के लखनऊ और वाराणसी सहित तमाम बड़े शहरों में फूलन देवी की प्रतिमा स्‍थापित करना चाहती थी। इस सिलसिले में जब सहनी वाराणसी पहुंचे तो  उन्‍हें एयरपोर्ट से बाहर ही नहीं निकलने दिया गया और दूसरी फ्लाइट से कोलकाता भेज दिया गया। जिसके बाद मुकेश सहनी ने अपना गुस्सा पीएम मोदी पर निकाला। सहनी ने कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री कहते हैं सबका साथ सबका विकास और हम एक मूर्ति लगाने गए तो रोका गया।

वहीं, इसके बाद वीआईपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी ने बीते सोमवार को एनडीए की बैठक का बहिष्कार कर दिया। कहा था कि उन्होंने एनडीए की बैठक का बहिष्कार इसलिए किया है क्योंकि यहां विधायकों और मंत्रियों की बात नहीं सुनी जाती है। वो एनडीए का हिस्सा हैं और उन्हें बातों को रखने का पूरा हक है।  

बिहार विधानसभा चुनाव में जेडीयू, भाजपा, हम और वीआईपी- ने मिलकर चुनाव लड़ा है। पूर्व सीएम जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (एचएएम) और वीआईपी की कुल आठ सीटें हैं। यदि दोनों पार्टी एनडीए से बगावत करती है तो नीतीश सरकार गिर जाएगी। वहीं, एनडीए कलह पर विपक्षी दल महागठबंधन लगातार नजर बनाए हुए है।

 

 

 

 

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