महाराष्ट्र की राजनीति में निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाझे को लेकर खींचातानी जारी है। अब इसकी वजह से महा विकास अघाड़ी सरकार के भीतर कलह दिखाई देने लगे हैं। सामना के जरिए राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख को कई नसीहतें दी गई है। शिवसेना ने मुखपत्र सामना के जरिए सवाल उठाए है कि सचिन वाजे वसूली कर रहा था और राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख को इसकी जानकारी नहीं थी? इसके बाद उपमुख्यमंत्री देशमुख के बचाव में आते हुए गहरी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सीधे-सीधे चेतावनी देते हुए कहा है कि ऐसे बयान से राउत को बचना चाहिए।
एनसीपी नेता और उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा है कि एनसीपी कोटे से किसे कौन-सा पद मिलेगा ये सिर्फ पार्टी नेतृत्व शरद पवार ही तय कर सकते हैं। इसमें सरकार के किसी घटक दल को बोलने से बचना चाहिए। कोई अधिकार नहीं है। दरअसल, सामना में आगे शिवसेना ने कहा कि अनिल देशमुख ने कुछ वरिष्ठ अधिकारियों से बेवजह में पंगा ले लिया है।
अनिल देशमुख प्रकरण के बाद कांग्रेस उद्धव की नेतृत्व वाली सरकार से रिश्ते सामान्य नहीं दिख रहे हैं। वहीं यूपीए में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर शिवसेना नेता संजय राउत के बयान पर भी कांग्रेस की नाराजगी बाहर आ चुकी है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने संजय राउत पर निशाना साधते हुए कहा, राउत शरद पवार के प्रवक्ता बन गये हैं। राउत ने कुछ दिनों पहले बयान दिया था कि शरद पवार को यूनाइटेड प्रोग्रेसिव अलायंस का अध्यक्ष बनाना चाहिए। उन्होने शरद पवार की तारीफ की थी और यह बात रखी थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने शनिवार को कहा कि उनकी पार्टी राज्य में भविष्य में होने वाले चुनाव अकेले लड़ने की संभावना तलाश रही है।