अगले साल उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में अब टिकटों को देने और काटने का दौर चल पड़ा है। इस बीच बसपा सुप्रीमो और राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा है कि प्रयास होगा कि किसी भी बाहुबली और माफिया आदि को पार्टी से चुनाव न लड़ाया जाए।
इसके मद्देनजर ही आजमगढ़ मण्डल की मऊ विधानसभा सीट से अब मुख्तार अंसारी का नहीं बल्कि यूपी के बीएसपी स्टेट अध्यक्ष श्री भीम राजभर के नाम को फाइनल किया गया है। अब इस मौके को एआईएमआईएम प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने लपक लिया है। ओवैसी ने खुला ऑफर देते हुए कहा है कि मुख्तार अंसारी यूपी की जिस सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं वहां से उनकी पार्टी अंसारी को टिकट दे सकती है।
अब यूपी की राजनीति में इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि मायावती के टिकट देने से इंकार के बाद अब मुख्तार अंसारी सपा में शामिल हो सकते हैं। इससे पहले भी अंसारी के बड़े भाई सिबगतुल्लाह ने भी सपा का दामन थामा था। अंसारी मऊ सीट से पांच बार विधायक रह चुके हैं। मुख्तार अंसारी 1996 में पहली बार चुनाव जीत यूपी विधानसभा पहुंचे थे।
मायावती ने शुक्रवार को ट्वीट के जरिए कहा है, "बीएसपी का संकल्प ’कानून द्वारा कानून का राज’ के साथ ही यूपी की तस्वीर को भी अब बदल देने का है ताकि प्रदेश व देश ही नहीं बल्कि बच्चा-बच्चा कहे कि सरकार हो तो बहनजी की ’सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय’ जैसी तथा बीएसपी जो कहती है वह करके भी दिखाती है यही पार्टी की सही पहचान भी है।"