कांग्रेस ने दलित कार्ड खेलते हुए पंजाब में नए मुख्यमंत्री के तौर पर चरणजीत सिंह चन्नी को नया सीएम बनाया है। शनिवार की शाम को कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने पूरे मंत्रियों के साथ इस्तीफा दे दिया। इसके बाद ये कयास लगाए जा रहे थे कि मुख्यमंत्री नवजोत सिंह सिद्धू बनाए जा सकते हैं। दरअसल, नवजोत सिंह सिद्धू और कैप्टन अमरिंद के बीच कई महीनों से रार ठनी थी। जिसके बाद सिद्धू को फिलहाल पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष का जिम्मा सौंपा है।
इसे भी पढ़ें
>> चरणजीत सिंह चन्नी: कांग्रेस का बड़ा खेला; आप, बसपा, भाजपा, अकाली दल सबको किया चित?
>> चरणजीत चन्नी: पार्षद से मुख्यमंत्री तक का तीन दशकों का सफर, विवादों से भी रहा नाता
>> पंजाब: क्या था 'मीटू' का मामला जिसे लेकर घिरे चरणजीत सिंह चन्नी, भाजपा ने उठाए सवाल
लंबे वक्त से जारी खींचतान के बीच कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद सोमवार को दलित नेता और लगातार तीन बार विधायक रहे चन्नी ने पंजाब के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। उनके साथ दो डिप्टी सीएम ने भी शपथ ली है। लेकिन, इस बात को टटोला जा रहा है कि इन सबके बीच सिद्धू कहां हैं। जिन सब के लिए सिद्धू ने कैप्टन अमरिंदर के खिलाफ माहौल बनाया और आलाकमान को आखिरकार उन्हें सीएम पद से हटाना पड़ा, वैसे में क्या चन्नी के मुख्यमंत्री बनने से सिद्धू का कद बड़ा हो गया है?
दरअसल, चन्नी के मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद प्रदेश प्रभारी हरीश रावत ने ऐलान किया कि अगला विधानसभा चुनाव नवजोत सिंह सिद्धू के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। इस बयान के बाद अब ये संकेत मिल रहे हैं कि कैप्टन के इस्तीफा के बाद बनाए गए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी बस एक सीएम हैं फिलहाल के लिए। वहीं, रावत के बयान पर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने आपत्ति जताते हुए कहा कि इस तरह के बयान से सीएम कमजोर दिखाई पड़ते हैं।
एक बात और है कि चरणजीत सिंह चन्नी के मुख्यमंत्री बनाए जाने के ऐलान से पहले कई नाम रेस में थे। यहां तक कि सुखजिंदर सिंह रंधावा को फाइनल नाम माना जा रहा था। लेकिन, औपचारिक ऐलान में चन्नी का नाम घोषित कर दिया गया।
लेकिन, अभी पंजाब की राजनीति में पूरी पिक्चर बाकी है। कैप्टन अमरिंदर सिंह इस्तीफे के बाद इशारों में इस बात को दोहरा चुके हैं कि भविष्य की राजनीति के लिए रास्ता खुला हुआ है। उन्होंने ये भी कहा था कि यदि सिद्धू को सीएम बनाया जाता है तो वो इसका विरोध करेंगे। अब अगले चुनाव से पहले कैप्टन की चाल पर सभी की निगाहें होंगी।
क्योंकि, यदि नवजोत सिंह सिद्धू को कांग्रेस राज्य में प्रोजेक्ट करती है अगले चुनाव को लेकर, तो फिर कैप्टन के बगावती तेवर देखने को मिल सकते हैं। इस्तीफे के बाद कैप्टन ने बयान दिया, "मैं अपमानित महसूस कर रहा हूं। कई महीनों से ये चल रहा था।" जिसके बाद राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कहा, "उम्मीद है कि कैप्टन कोई ऐसा कदम नहीं उठाएंगे, जिससे कांग्रेस को नुकसान हो।"
भले ही पंजाब में फिलहाल के लिए कांग्रेस ने अपने कलह को पाटने की कोशिश कर ली हो, लेकिन अभी राज्य की राजनीति में बहुत कुछ होना बाकी है।