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भाजपा मेें जाएंगे मांझी?

बिहार के मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने बगावती रूख अख्तियार कर लिया है। पार्टी के नेतृत्व को नकारते हुए मांझी ने दो टूक कह दिया कि पार्टी के विधायक दल की बैठक बुलाने का अधिकार केवल विधायक दल के नेता यानी मुख्यमंत्री को है।
भाजपा मेें जाएंगे मांझी?

जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने पार्टी के विधायकों की बैठक शनिवार को बुलाई है। बताया जा रहा है कि बैठक में नए मुख्यमंत्री का चयन होना है। इसको लेकर मांझी और उनके समर्थक पहले से ही विरोध कर रहे हैं। दलित समाज से ताल्लुक रखने वाले मांझी के समर्थन में इस समुदाय के कई नेता और पूर्व अधिकारी समर्थन में आ चुके हैं।

विधायक दल की बैठक बुलाए जाने की खबर फैलने पर शिक्षा मंत्री वृषिण पटेल, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री महाचंद्र सिंह और नगर विकास मंत्री सम्राट चौधरी और विधायक अनिल कुमार, जदयू के बागी विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानु और रविंद्र राय मांझी, जदयू के वरिष्ठ नेता शकुनी चौधरी मांझी के समर्थन में उनके आवास पहुंचे। पूर्व नौकरशाह के पी रमैया भी मांझी को हटाए जाने का विरोध कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि कई विधायक मांझी के समर्थन में  पार्टी भी छोड़ने के लिए तैयार हैं।

जनता दल यूनाइटेड और राष्ट्रीय जनता दल के संभावित विलय की संभावनाओं के बीच यह माना जा रहा था कि बिहार की राजनीति में बड़ा बदलाव होगा। उसके बाद से ही मांझी के हटाए जाने की चर्चाएं होने लगी थी। इस बीच समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाए जाने की वकालत की। इसके बाद से मांझी को हटाए जाने की चर्चा तेज   हो गई। मांझी को मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने की खबरों ने भाजपा को एक बड़ा मुद्दा दे दिया है। बताया जा रहा है कि मांझी भाजपा नेताओं के संपर्क में हैं। ऐसे में यह कयास लगाया जा रहा है कि अगर मांझी को हटाया गया तो वह भाजपा का दामन थाम सकते हैं।

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