राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) विधायक भाई विरेंद्र ने बीते दिनों कहा था कि इस 15 अगस्त यानि स्वतंत्रता दिवस के दिन नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री के रूप में झंडा फहराएंगे। जिस पर पलटवार करते हुए भाजपा विधायक नवल किशोर यादव ने कहा था कि आरजेडी को खुद पार्टी टूटने का डर है इसलिए इनके नेता ऐसे बयान दे रहे हैं।आरजेडी पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा था कि 15 अगस्त से पहले ही न उनकी पार्टी टूट जाए।
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अब आरजेडी के बीच वर्चस्व की लड़ाई के संकेत मिल रहे हैं।दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमों लालू यादव के दोनों बेटे- तेज प्रताप यादव और तेजस्वी के बीच पोस्टर वार देखने को मिल रहा है। तेजस्वी यादव पोस्टर से गायब हैं जबकि तेज प्रताप यादव इस पोस्टर में दिखाई दे रहे हैं।आठ अगस्त को आरजेडी कार्यालय में छात्रों के मुद्दों को लेकर एक बैठक बुलाई गई थी। इस बाबत कार्यालय के बाहर बैनर लगाया गया था लेकिन दिलचस्प है कि इस पोस्टर से पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव गायब रहे जबकि भाई तेज प्रताप यादव की फोटो लगी थी। जिसके बाद से अब इस बात की हलचल तेज हो गई है कि क्या आरजेडीयू में दोनों भाइयों के बीच वर्चस्व की लड़ाई तेज हो गई है।
दरअसल, तेज प्रताप यादव लालू परिवार में बड़े बेटे हैं। लेकिन, सबसे ज्यादा सक्रिय तेजस्वी यादव ही नजर आ रहे हैं। बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में तेजस्वी यादव ने महागठबंधन की अगुवाई करते हुए इसका नेतृत्व किया था और वो सीएम पद के दावेदार थे। हालांकि, बहुमत से कुछ सीटें पीछे रहने की वजह से तेजस्वी सत्ता में आने से चूक गएं। अब अध्यक्ष पद को लेकर भी कई तरह के बयान सामने आ रहे हैं।
अब बिहार भाजपा नेता अरविंद कुमार सिंह ने चुटकी लेते हुए कहा है कि तेज प्रताप के साथ नाइंसाफी हुई है। लालू यादव का बड़ा बेटा होने के नाते उन्हें ही बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष होना चाहिए था। क्योंकि तेज प्रताप बिहार की जनता को अपनी संपत्ति समझते हैं, मगर लालू यादव ने तेज प्रताप के साथ नाइंसाफी की। इसलिए अब इंसाफ करते हुए उन्हें आरजेडी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए या फिर मीसा भारती को पार्टी की कमान दे देनी चाहिए।