दरअसल जयपुर में विकास के नाम पर जयपुर विकास प्राधिकरण मंदिरों को ढहाने का काम कर रहा है। हिंदुत्ववादी संगठनों में राज्य सरकार के रवैये को लेकर रोष है। इतना ही नहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी मंदिर गिराए जाने को लेकर नाराजगी जताई है। संघ की नाराजगी के बाद भाजपा के कई विधायकों ने भी अपनी ही सरकार के प्रति नाराजगी जाहिर कर दी। सूत्रों के मुताबिक संघ के प्रदेश नेतृत्व ने यह निर्देश दे दिया कि भाजपा के विधायक और सांसद सरकार के फैसले के खिलाफ एकजुट होकर विरोध करें। इसके बाद कुछ विधायकाें ने समर्थकों के साथ बड़ी संख्या में मंदिर बचाओं संघर्ष समिति के बैनर तले सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
संघ के कड़े तेवर के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय ने यह स्पष्ट किया कि मंदिर ढहाने की जानकारी नहीं थी। लेकिन मंदिर बचाओ संघर्ष समिति के कार्यकर्ता यह बात मानने को तैयार नहीं। संघ ने यह साफ कर दिया है कि या तो दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए या फिर स्वयं मुख्यमंत्री इस मामले पर माफी मांगें। बताया जा रहा है कि संघ ने भाजपा के सभी विधायकों और सांसदों को कहा है कि सरकार के फैसले का विरोध करें। जिसको लेकर भाजपा के कुछ पूर्व मंत्रियों और वर्तमान विधायकों ने विरोध किया। लेकिन वसुंधरा राजे के मंत्रिमंडल में शामिल मंत्रियों ने दूरी बनाए रखी।
संघ के इस फैसले से वसुंधरा राजे की मुश्किल बढ़ती जा रही है। पहले तो विरोधियों ने वसुंधरा के इस्तीफे की मांग की और अब भाजपा के ही कई विधायक राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में वसुंधरा की मुश्किलें कम होने वाली नहीं हैं।