गांधीनगर में मंगलवार को गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने शपथ ली। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह सहित भाजपा शासित तमाम राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए। राजनीतिक गलियारों में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी सबसे ज्यादा चर्चा में रही।
इस साल जुलाई में भाजपा के साथ सरकार बनाने और एनडीए में वापसी के बाद यह पहला मौका था जब नीतीश कुमार भाजपा के किसी मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। हालांकि गुजरात जाने की पुष्टि उन्होंने सोमवार को ही कर दी थी। गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद उन्होंने भाजपा और रुपाणी को बधाई भी दी थी।
Prime Minister Narendra Modi with Bihar CM Nitish Kumar at swearing in ceremony of Gujarat CM and others in Gandhinagar pic.twitter.com/4s2GAYab8D
— ANI (@ANI) December 26, 2017
2014 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा द्वारा नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद नीतीश कुमार एनडीए से अलग हुए थे। लेकिन, एनडीए में रहते हुए जब वे भाजपा के साथ बिहार में सरकार चला रहे थे तब भी गुजरात में नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण से दूर रहते थे। नीतीश ने उस दौर में मोदी को बिहार में चुनाव प्रचार भी नहीं करने दिया था। कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार करीब 15 साल बाद गुजरात पहुंचे हैं।
जानकारों के मुताबिक गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजों से भाजपा को इस बात का एहसास हो गया है कि पटेल समुदय का एक तबका उससे नाराज चल रहा है। नीतीश भले कोई बड़ा असर नहीं डाल सकते लेकिन नाराज पटेलों को शांत करने में उनकी भूमिका को नजरंदाज नहीं किया जा सकता।