पश्चिम बंगाल में मंगलवार को तीसरे चरण के तहत 31 सीटों पर मतदान जारी है। इन सीटों पर तृणमूल कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस-वाम मोर्चा गठबंधन ने अपनी पूरी ताकत झोंकी है। लेकिन माना जा रहा है कि सत्तारूढ़ टीएमसी इन्हीं सीटों से अपनी जीत की राह सुनिश्चित कर बीजेपी को टक्कर दे सकती है।
बंगाल विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में तीन जिलों हावड़ा, हुगली और दक्षिण 24 परगना की 31 सीटों पर कुल 205 प्रत्याशी मैदान में हैं। तीसरे चरण के मतदान में दक्षिण 24 परगना जिले की 16 सीटों, हुगली की आठ तथा हावड़ा की सात सीटें शामिल हैं। इन सीटों को टीएमसी का गढ़ माना जाता है। बंगाल में पिछले विधानसभा चुनाव में इन 31 सीटों में से 30 पर तृणमूल कांग्रेस जीती थी। सिर्फ आमता सीट पर कांग्रेस की जीत हुई थी। वहीं 2019 के लोकसभा चुनावों के रुझानों के अनुसार, टीएमसी इन 31 सीटों में से 29 में आगे थी।
इन प्रमुख सीटों में तारकेश्वर शामिल हैं, जहाँ से भाजपा ने पत्रकार से नेता बने स्वपन दासगुप्ता को उतारा है। दासगुप्ता ने इस चुनाव में लड़ने के लिए राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया था। दासगुप्ता को बंगाल के लिए भाजपा के थिंकटैंक का हिस्सा माना जाता है।
वहीं हावड़ा में आमता सीट को भी उत्सुकता से देखा जा रहा है, क्योंकि कांग्रेस के दो-बार के विधायक असित मित्रा जो अपने सादगीपूर्ण जीवन जीने के लिए जाने जाते हैं, हिंदूवादी संगठन हिन्दू संहति के प्रमुख और भाजपा के उम्मीदवार देवतनु भट्टाचार्य, और टीएमसी के सुकांत पाल कड़ी टक्कर है। लोकसभा चुनाव में टीएमसी ने भाजपा पर 38,000 वोटों की बढ़त हासिल की थी।
पुराने आंकड़ों को देखते हुए माना जा रहा है कि टीएमसी यहां बेहतर प्रदर्शन कर बीजेपी को रोक सकती है। हालांकि बंगाल की जनता किन्हें अपना वोट देती है इससे पर्दा नतीजों के दिन ही उठेगा। बहरहाल तीसरे चरण में कुल 78,52,425 मतदाता 10,871 बूथों पर अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।