जो पार्टी कल तक बिहार में सत्तारूढ़ दल एनडीए में टूट की बात को दोहरा रही थी उसी पार्टी के भीतर बीते पंद्रह दिनों से भी अधिक समय से कलह के बुलबुले लगातार फुट रहे हैं। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) पार्टी के भीतर किसकी चलेगी, तेज प्रताप यादव की, जो मौजूदा विधायक के साथ-साथ पूर्व मंत्री रह चुके हैं। या जगदानंद सिंह की, जो इस वक्त राजद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं और लालू यादव सरकार में मंत्री और सांसद भी रह चुके हैं।
दरअसल,तेज प्रताप यादव और जगदानंद सिंह के बीच वर्चस्व की लड़ाई लगातार तेज हो रही है। इसमें अभी तक बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का कोई बयान खुलकर सामने नहीं आया है। पिछले दिनों जगदानंद सिंह ने छात्र राजद के प्रदेश अध्यक्ष पद पर गगन कुमार की नियुक्ति है जिसके बाद से तेज प्रताप आगबबूला हो गए। इस पद पर पहले से तेज प्रताप के बेहद करीबी माने जाने वाले आकाश यादव थे।
इस बाबत जगदानंद सिंह ने कहा कि मैंने तो किसी की नियुक्ति ही नहीं की थी। इसका अधिकार किसके पास है। वहीं, एक और सवाल के जवाब में सिंह ने गुरुवार को कहा था कि हू इज तेज प्रताप यादव।
अब तेज प्रताप ने भी मोर्चा खोल दिया है। तेज प्रताप ने तो यहां तक कहा है कि यदि उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं होती है तो वो कोर्ट जाएंगे। मुकदमा करेंगे। अपने पिता और पार्टी सुप्रीमों लालू यादव से तेज प्रताप ने सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मागं की है। उनका कहना है कि जगदानंद सिंह ने पार्टी संविधान के खिलाफ कार्य किया है।
अब लालू यादव के लिए सबसे बड़ी मुश्किलें खड़ी होती हुई दिखाई दे रही है कि वो किसकी बात को मांनेंगे। तेज प्रताप यादव उनके बड़े बेटे हैं जबकि जगदानंद सिंह उनके पुराने साथी और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं।
इसके पीछे सियासी गलियारों में दोनों भाई- तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव के बीच वर्चस्व की लड़ाई भी मानी जा रही है। क्योंकि, आठ जुलाई को पटना में छात्र राजद की बैठक में कार्यालय के बाहर लगे पोस्टर से तेजस्वी यादव की तस्वीर गायब थी, जबकि तेज प्रताप यादव की फोटो लगी थी। इसके बाद से ही ये पूरा खेल माना जा रहा है। जगदानंद सिंह के फैसले में तेजस्वी की भी सहमति दिखाई दे रही है। वहीं, तेज प्रताप यादव लगातार मुख्यधारा में लौटते हुए जगदानंद सिंह पर कटाक्ष कर रहे हैं। उन्होंने सिंह को बैठक के दौरान हिटलर और इशारों में कहा था कि कुर्सी की बपौती नहीं है, आज किसी के पास है तो कल किसी और के पास होगी।
अब राजद को इस बात का भी डर है कि क्या जगदानंद सिंह तेज प्रताप से आहत हो दिवंगत नेता रघुवंश प्रसाद सिंह की राह चुनेंगे। क्योंकि, प्रसाद को लेकर भी तेज प्रताप ने उनके खिलाफ बयान दिए थे। कहा था कि एक लोटा पानी समुद्र से निकाल भी लिया जाए तो फर्क नहीं पड़ता है। पार्टी समुद्र है।