बीते कुछ समय से वरुण गांधी केंद्र की मोदी सरकार की नीतियों और कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं। अब लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए किसानों को लेकर भी वो योगी सरकार के खिलाफ लगातार सवाल उठा रहे हैं और कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। अब उन्हें भाजपा ने टॉप नेतृत्व की लिस्ट से बाहर कर दिया गया है। साथ में मां मेनका गांधी को भी जगह नहीं दी गई है।
दरअसल, गुरुवार को पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अहम बदलाव के साथ अपनी नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी घोषित कर दी है। इस नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी में 80 सदस्य शामिल हैं, जिस सूची में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मुरली मनोहर जोशी का नाम भी शामिल है। इतना ही नहीं, लिस्ट में लालकृष्ण आडवाणी को भी शामिल किया गया है। लेकिन, दिलचस्प है कि इसमें वरुण गांधी और मेनका गांधी को जगह नहीं दी गई है।
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वरुण गांधी ने लखीमपुर खीरी हिंसा पर उन्होंने अपना बयान एक पत्र के जरिए दिया था। गांधी ने कहा था कि किसानों को निर्दयतापूर्वक कुचला गया है। ये ह्दय-विदारक घटना हुई है। इस घटना से एक दिन पहले ही देश ने अहिंसा के पुजारी बापू की जयंती मनाई थी। अन्नदाताओं की जिस घटनाक्रम में हत्या की गई वो किसी भी सभ्य समाज में अक्षम्य है।
वहीं, पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी ने आज भी लखीमपुर कांड का नया वीडियो सामने आने के बाद ट्वीट किया था और अपनी ही सरकार को घेरते हुए लिखा था- यह वीडियो बिल्कुल शीशे की तरह साफ है। प्रदर्शनकारियों का मर्डर करके उनको चुप नहीं करा सकते हैं। निर्दोष किसानों का खून बहाने की घटना के लिए जवाबदेही तय करनी होगी। हर किसान के दिमाग में उग्रता और निर्दयता की भावना घर करे इसके पहले उन्हें न्याय दिलाना होगा।'