दिल्ली की एक अदालत ने कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े एक धनशोधन मामले में अंतरिम जमानत का अनुरोध करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा दायर किये गये आवेदन पर आज अपना आदेश पांच जून के लिए सुरक्षित रख लिया. विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने यह कहते हुए अपना आदेश सुरक्षित रख लिया कि यह आवेदन चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत के लिए (दिया गया) था न कि उच्चतम न्यायालय द्वारा दी गयी अंतरिम जमानत की अवधि के विस्तार के लिए. मुख्यमंत्री को उच्चतम न्यायालय ने एक जून तक के लिए अंतरिम जमानत दी थी. उन्हें रविवार को आत्मसमर्पण करना है.
वहीं, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने केजरीवाल के अंतरिम जमानत आवेदन का शनिवार को विरोध किया। ईडी ने अदालत में दावा किया कि केजरीवाल ने तथ्यों को छिपाया एवं अपने स्वास्थ्य सहित कई मामलों पर गलत बयान दिये. उसकी ओर पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत में कहा कि केजरीवाल ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में भ्रामक दावा किया कि वह दो जून को आत्मसमर्पण करेंगे.
केजरीवाल ने स्वास्थ्य के आधार पर अंतरिम जमानत की अवधि एक सप्ताह बढ़ाने का अनुरोध किया है. उनके वकील ने अदालत में कहा कि अरविंद केजरीवाल बीमार हैं और उन्हें उपचार की जरूरत है. इसपर ईडी ने कहा कि आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने अपनी अंतरिम जमानत की पूरी अवधि में प्रचार किया और अब वह अचानक दावा कर रहे हैं कि वह बीमार हैं.
उसने अदालत से कहा कि यदि किसी चिकित्सकीय परीक्षण की जरूरत होगी तो वह जेल के अंदर कराया जाएगा तथा आवश्यकता होने पर केजरीवाल को एम्स या अन्य अस्पताल में ले जाया जाएगा.