राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को कहा कि खेल मंत्री अशोक चांदना की 'उन्हें मंत्री पद से मुक्त करने' की टिप्पणी को गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए क्योंकि हो सकता है कि मंत्री ने किसी प्रकार के तनाव की वजह से ऐसी बात कह दी हो।
चंदना ने गुरुवार को गहलोत के प्रमुख सचिव के आचरण पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्हें "सभी विभागों के मंत्री" के रूप में संदर्भित किया और कहा कि वह एक मंत्री के रूप में हटाए जाने को प्राथमिकता देंगे।
चंदना ने एक ट्वीट के जरिए अपनी नाराजगी को सार्वजनिक करते हुए कहा कि वह ''अपमानजनक'' मंत्री पद पर बने रहना नहीं चाहते।
गहलोत ने कहा कि चंदना ने पहले भी राज्य स्तरीय खेल कार्यक्रम आयोजित किया था और इसी तरह राजस्थान में पहली बार इसी तरह का आयोजन- 'ग्रामीण ओलंपिक' होने जा रहा है, जिसमें 30 लाख लोगों के भाग लेने की संभावना है।
गहलोत ने संवाददाताओं से कहा, "उन पर बहुत अधिक भार है। हो सकता है कि वह (चंदना) तनाव में आ गए हों और उन्होंने कुछ टिप्पणी की हो। इसे गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए... हम उनसे बात करेंगे।" मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अभी तक मंत्री से बात नहीं की है।
गहलोत ने कहा, "ऐसा लगता है कि वह दबाव में काम कर रहे हैं, उन पर इतनी बड़ी जिम्मेदारी आ गई है, देखेंगे।"
चंदना ने अपने ट्वीट में कहा था, "मैं माननीय मुख्यमंत्री से अनुरोध करता हूं कि मुझे इस अपमानजनक मंत्री पद से मुक्त करें और मेरे सभी विभागों का प्रभार श्री कुलदीप रांका जी को दें। वैसे भी वह सभी विभागों के मंत्री हैं।" बता दें कि रांका मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव हैं।