कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने बुधवार को तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी से राज्य में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का हिस्सा नहीं बनने का कारण स्पष्ट करने को कहा। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ एक मौन सहमति के कारण उन्होंने विपक्षी मोर्चा ‘‘छोड़’’ दिया।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने जनवरी में घोषणा की थी कि उनकी पार्टी राज्य में लोकसभा चुनाव ‘अकेले’ लड़ेगी, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस’ (इंडिया) गठबंधन का हिस्सा बनी रहेगी।
चौधरी ने ‘पीटीआई वीडियो’ के साथ एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘यहां हर कोई जानता है कि तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच सांठगांठ है…मैं उनसे पूछ रहा हूं कि उन्हें यह बताना चाहिए कि वह ‘इंडिया’ गठबंधन से क्यों अलग हो गईं।’’ चौधरी ने दावा किया कि ममता बनर्जी ने बार-बार साबित किया है कि उन पर भरोसा नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘वह एक अप्रत्याशित और अविश्वसनीय राजनीतिक हस्ती हैं... जब ‘इंडिया’ गठबंधन अस्तित्व में आया, तो उन्होंने गठबंधन के नामकरण का श्रेय लेना शुरू कर दिया। लेकिन कुछ दिन के बाद, उन्होंने कहना शुरू कर दिया कि वह नीतीश कुमार (बिहार के मुख्यमंत्री) की तरह ‘इंडिया’ गठबंधन को छोड़ने जा रही हैं। मेरा सवाल यह है कि उनके (बनर्जी) ‘इंडिया’ गठबंधन छोड़ने का क्या कारण है?’’
राज्य में अकेले चुनाव लड़ने का निर्णय लेने से पहले, बनर्जी ने बंगाल में सीट-बंटवारे के प्रस्तावों पर निर्णय लेने में देरी के लिए कांग्रेस को दोषी ठहराया था। कांग्रेस फिलहाल बंगाल में वाम दलों के साथ गठबंधन के तहत लोकसभा चुनाव लड़ रही है।वाममोर्चा जहां 30 सीट पर चुनाव लड़ रहा है, वहीं कांग्रेस ने राज्य की कुल 42 सीट में से 12 पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं।
तृणमूल कांग्रेस ने बंगाल में गठबंधन टूटने के लिए बार-बार बनर्जी के कटु आलोचक चौधरी को दोषी ठहराया है। चौधरी से जब उनके खिलाफ भाजपा के साथ गुप्त समझौता होने के आरोपों के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “ये पुराने आरोप हैं”, जो तृणमूल कांग्रेस हर चुनाव से पहले उठाती है। उन्होंने कहा, ‘‘यहां सब जानते हैं कि तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच सांठगांठ है। ऐसे आरोपों का कोई आधार नहीं है। क्योंकि मुर्शिदाबाद एक अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्र है, वे चुनाव के दौरान इस तरह के आरोप लगाते हैं।’’
बहरामपुर सीट से तृणमूल कांग्रेस द्वारा भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान को मैदान में उतारने के बारे में चौधरी ने आरोप लगाया कि राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी उनके निर्वाचन क्षेत्र में चुनावों का ध्रुवीकरण करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने 2019 और 2021 के पिछले चुनावों में देखा है कि कैसे दोनों पार्टियों ने सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का लाभ उठाया है। लेकिन इस बार, तृणमूल कांग्रेस बेनकाब हो गई है और यह फॉर्मूला काम नहीं करेगा।’’