पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने उनकी सरकार पर सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर मुद्दे पर राज्य के हितों की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाने वाले विपक्षी दलों के नेताओं पर बुधवार को पलटवार किया।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पंजाब इकाई के प्रमुख सुनील जाखड़, शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर बादल, कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग और पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा समेत विपक्षी नेता इस मुद्दे पर सरकार पर निशाना साध रहे हैं।
उच्चतम न्यायालय ने चार अक्टूबर को केंद्र से कहा था कि वह पंजाब में जमीन के उस हिस्से का सर्वेक्षण करे जो राज्य में एसवाईएल नहर के हिस्से के निर्माण के लिए आवंटित किया गया था और वहां किए गए निर्माण का आकलन करे।
कांग्रेस, भाजपा और अकाली दल ने इस मुद्दे पर मान सरकार की आलोचना करते हुए पिछले कुछ दिनों में विरोध प्रदर्शन किया है। मान ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि कांग्रेस के पूर्व नेता दिवंगत बलराम जाखड़ (सुनील जाखड़ के पिता), भाजपा नेता अमरिंदर सिंह और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने पंजाब में एसवाईएल नहर के निर्माण का समर्थन किया था।
उन्होंने कहा, ‘‘बलराम जाखड़ कैप्टन (अमरिंदर सिंह) के साथ उस फोटो में साथ खड़े थे (पंजाब में एसवाईएल नहर के भूमि पूजन समारोह के दौरान ली गई तस्वीर)..देवीलाल (हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री) ने एसवाईएल के लिए सर्वेक्षण कराने की मंजूरी देने के लिए हरियाणा विधानसभा में प्रकाश सिंह बादल (पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री) की प्रशंसा की थी।’’
मान ने कहा कि विपक्षी नेताओं को नदी के पानी के बारे में चिंता नहीं करनी चाहिए क्योंकि वह बचपन में अपने गांव में नहर की रखवाली किया करते थे। उन्होंने कहा, ‘‘आज ईश्वर ने मुझे सतलुज की रक्षा का कार्य सौंपा है।’’ मान ने विपक्षी दल के नेताओं से इस मुद्दे पर एक नवंबर को खुली बहस के लिए सामने आने को कहा है।