बिहार विधानसभा चुनाव में कमजोर होने के बाद जेडीयू की निगाह अपने पुराने 'लव-कुश समीकारण' पर है। लिहाजा कुशवाहा नेताओं को अपने पाले में करने के प्रयास लगतार जारी है। पार्टी ने पहले अपने प्रदेश अध्यक्ष के पद पर उमेश कुशवाहा को बैठाया। फिर कुशवाहा समाज के बड़े नेता उपेंद्र कुशवाहा अपनी पूरी पार्टी के साथ जेडीयू में शामिल हो गए। वहीं जागरण की खबर के मुताबिक , अब पार्टी की नजर एक और मजबूत कुशवाहा नेता भगवान सिंह कुशवाहा पर है, जिन्होंने टिकट नहीं मिलने पर बीते विधानसभा चुनाव के समय जेडीयू छोड़ दिया था।
बता दें कि विधानसभा चुनाव में एनडीए के तहत जेडीयू तीसरे नंबर की पार्टी बन गई। हालांकि, भाजपा ने एनडीए के तहत किए गए चुनावी वादे के मुताबिक जेडीयू के नेता नीतीश कुमार को सीएम बनाया, मगर सीटों के गणित में गठबंधन के भीतर जेडीयू की हैसियत कमजोर हुई है। इसके बाद जेडीयू अपने जमीनी आधार को मजबूत करने में लगा है। इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने राजतनीतिक आधार रहे 'लव-कुश' वोटों को सहेजने के प्रयास में हैं। माना जा रहा है कि उपेन्द्र कुशवाहा के बाद अब भगवान सिंह कुशवाहा के आने के बाद यह समीकरण मजबूत होगा।
जानकारी के मुताबिक सोमवार को होली के मौके पर जेडीयू के पूर्व नेता व कभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी रहे भगवान सिंह कुशवाहा जेडीयू के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह के घर पहुंचे। उनके वशिष्ठ नारायण सिंह से मिलने के बाद सियासी कयास लगाए जा रहे हैं। बता दें कि उपेंद्र कुशवाहा की जेडीयू में वापसी में वशिष्ठ नारायएा सिंह की मध्यस्थता महत्वपूर्ण रही थी।
वशिष्ठ नारायण सिंह ने पार्टी में उनके शामिल किए जाने को लेकर पुष्टि नहीं की, लेकिन सूत्र बताते हैं कि भगवान सिंह कुशवाहा की मुलाकात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी हो चुकी है। उपेंद्र कुशवाहा की तर्ज पर भगवान सिंह कुशवाहा से वशिष्ठ नारायण सिंह ही बातचीत कर रहे हैं। सबकुछ ठीक रहा तो भगवान सिंह कुशवाहा जल्दी ही जेडीयू के पाले में दिख सकते हैं।