बिहार विधानसभा में विपक्षी सदस्यों ने राज्य को विशेष दर्जा न देने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ मंगलवार को आसन के पास पहुंचकर जमकर हंगामा किया, जिसके बाद सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने इस बात पर दुख व्यक्त किया कि हंगामे से कार्यवाही देखने आए स्कूली बच्चों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने विपक्षी सदस्यों से कई बार अपनी सीट पर बैठने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता वाली जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) के वरिष्ठ नेता चौधरी ने आरोप लगाया कि “सबसे पहले कांग्रेस के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने विशेष दर्जे की मांग ठुकराई थी।”
उन्होंने कहा कि राजद भी इस सरकार का हिस्सा थी।
विपक्षी सदस्यों के हंगामा और नारेबाजी जारी रखने पर विधानसभा अध्यक्ष को पहले सदन की कार्यवाही 11.15 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।
कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर विपक्षी सदस्यों ने आसन के पास पहुंचकर रिपोर्टिंग स्टाफ के लिए रखी मेज को पलटने की कोशिश की। उन्होंने यह भी मांग की कि सदन में विपक्ष के कुछ सदस्यों की ओर से लाए गए स्थगन प्रस्ताव पर तुरंत चर्चा की जाए।
हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष की मांग को खारिज कर दिया और सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।