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ममता बनर्जी पर भाजपा का हमला: मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर ‘हिंदुओं से नफरत’ का आरोप

भारतीय जनता पार्टी ने सोमवार 21 अप्रैल को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तीखा हमला किया।...
ममता बनर्जी पर भाजपा का हमला: मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर ‘हिंदुओं से नफरत’ का आरोप

भारतीय जनता पार्टी ने सोमवार 21 अप्रैल को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तीखा हमला किया। पार्टी ने आरोप लगाया कि ममता मुर्शिदाबाद जिले के हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा इसलिए नहीं कर पाईं क्योंकि उन्हें हिंदुओं से नफरत है। यह बयान वक्फ कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के बाद भड़की हिंसा के लिए दिया गया। इस हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई। वहीं हिंसा में शामिल 150 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया। भाजपा ने टीएमसी सरकार पर हिंदुओं की रक्षा करने में विफल रहने और 'तुष्टिकरण की राजनीति' करने का भी आरोप लगाया।

भाजपा सांसद संबित पात्रा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ममता बनर्जी ने मुर्शिदाबाद के हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा नहीं किया। अगर हिंसा में मुसलमान प्रभावित होते तो उनकी प्रतिक्रिया अलग होती। यह उनकी हिंदू विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। उन्होंने यह भी दावा किया कि हिंसा में मारे गए दो लोगों को वामपंथी पार्टी सीपीआई(एम) ने कार्यकर्ता मानने से इनकार कर दिया क्योंकि वे हिंदू थे। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा कि ममता सरकार ने 'जिहादी तत्वों' को खुली छूट दे दी है, जिसके कारण मुर्शिदाबाद, मालदा और नादिया में हिंदुओं पर लक्षित हमले हुए।

मुर्शिदाबाद में 8 अप्रैल को हिंसा शुरू हुई थी, जिसमें प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया, वाहनों में आग लगाई और दुकानों में लूटपाट की। भाजपा का दावा है कि इस हिंसा के कारण 400 से अधिक हिंदू परिवारों को अपना घर छोड़कर मालदा जिले में शरण लेनी पड़ी। पार्टी ने ममता सरकार पर पुलिस की निष्क्रियता का आरोप लगाया और कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, "ममता बनर्जी की सरकार में हिंदुओं की सुरक्षा खतरे में है। यह हिंसा राज्य प्रायोजित आतंक का एक उदाहरण है।"

दूसरी ओर ममता बनर्जी ने हिंसा को 'पूर्व नियोजित सांप्रदायिक दंगा' बताया। केंद्र सरकार पर सीमा सुरक्षा में लापरवाही का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि बांग्लादेश से आए तत्वों ने हिंसा भड़काई, जिसके लिए बीएसएफ जिम्मेदार है। ममता ने इमामों के साथ बैठक की और शांति की अपील की और पीड़ितों के लिए 10 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की। कांग्रेस और वाम दलों ने भी हिंसा की निंदा की, लेकिन दोनों ने भाजपा और टीएमसी पर ध्रुवीकरण की राजनीति का आरोप लगाया। कलकत्ता हाईकोर्ट ने हिंसा पर कड़ा रुख अपनाते हुए केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया है।

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