वर्ष 2024 के विधानसभा चुनाव में हार का सामना करने के बाद वापसी की उम्मीद कर रही कांग्रेस अपना खाता भी नहीं खोल सकी।

कांग्रेस को सोनीपत और रोहतक में भी हार का सामना करना पड़ा। सोनीपत में कांग्रेस के महापौर थे, जबकि रोहतक को पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा का गढ़ माना जाता है।

निर्दलीय उम्मीदवार इंद्रजीत यादव एक महापौर सीट जीतने वाली एकमात्र गैर-भाजपा उम्मीदवार हैं। वह मानेसर से चुनी गईं, जहां पहली बार नगर निकाय चुनाव हुआ।

परिणामों के बाद, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि लोगों ने भाजपा सरकार के कार्यों और नीतियों पर अपनी मुहर लगाई है और ‘ट्रिपल-इंजन’ सरकार का गठन किया है जो ‘विकसित हरियाणा-विकसित भारत’ के संकल्प को साकार करने के लिए तेज गति से काम करेगा।

सात नगर निगमों - गुरुग्राम, मानेसर, फरीदाबाद, हिसार, रोहतक, करनाल और यमुनानगर में महापौर तथा वार्ड सदस्यों के पदों के लिए चुनाव दो मार्च को हुए थे। अंबाला और सोनीपत नगर निगमों में महापौर पद के लिए उपचुनाव भी हुए और उसी दिन 21 नगर समितियों में अध्यक्षों और वार्ड सदस्यों के लिए भी चुनाव हुए थे।

पानीपत नगर निगम के महापौर और 26 पार्षदों के चुनाव के लिए नौ मार्च को मतदान हुआ था।

महापौर पदों के लिए उपलब्ध परिणामों के अनुसार, भाजपा के उम्मीदवारों ने अंबाला, फरीदाबाद, गुरुग्राम, हिसार, करनाल, रोहतक, सोनीपत, यमुनानगर और पानीपत में अपने निकटतम कांग्रेस प्रतिद्वंद्वियों को हराया।

मानेसर में पहली बार नगर निगम चुनाव हुआ और वहां निर्दलीय उम्मीदवार इंद्रजीत यादव ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा उम्मीदवार सुंदरलाल को 2,293 मतों के अंतर से हराया।

कांग्रेस में रह चुके निखिल मदान सोनीपत के महापौर थे। 2024 के विधानसभा चुनाव से पहले वह भाजपा में शामिल हो गए और सोनीपत विधानसभा सीट से जीत दर्ज की। वरिष्ठ भाजपा नेता राजीव जैन ने इस बार सोनीपत नगर निगम से जीत हासिल की है।

अंबाला नगर निगम में हरियाणा जनचेतना पार्टी की नेता शक्ति रानी शर्मा महापौर थीं। वह भी विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गईं और कालका विधानसभा सीट से जीत हासिल की। अन्य नगर निगमों में जहां मतदान हुआ, वहां भाजपा के महापौर थे।

बड़े अंतर से जीत दर्ज करने वाले महापौर उम्मीदवारों में भाजपा के फरीदाबाद से उम्मीदवार प्रवीण जोशी शामिल हैं, जिन्होंने तीन लाख से अधिक वोट से जीत हासिल की और गुरुग्राम से राज रानी ने 1.79 लाख से अधिक वोट से जीत हासिल की।

बड़े अंतर से जीत दर्ज करने वाले अन्य उम्मीदवारों में करनाल से जीतने वाली रेणु बाला गुप्ता और पानीपत से जीत दर्ज करने वाली कोमल सैनी शामिल हैं।

रोहतक में भाजपा के राम अवतार ने कांग्रेस के सूरजमल किलोई को 45,198 वोटों के अंतर से हराया। यमुनानगर से भाजपा उम्मीदवार सुमन ने कांग्रेस की किरण देवी को 73,319 मतों के अंतर से पराजित किया। अंबाला में भाजपा उम्मीदवार शैलजा सचदेवा ने अपने कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी पर 20,487 मतों के अंतर से जीत हासिल की।

हरियाणा के मंत्री विपुल गोयल ने यहां राज्य विधानसभा के जारी बजट सत्र के दौरान कहा, ‘‘हमारे महापौर उम्मीदवारों ने नौ नगर निगमों में प्रचंड जीत दर्ज की है।’’

अधिकारियों ने कहा कि हरियाणा राज्य निर्वाचन आयोग ने मतगणना प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए संबंधित जिला प्रशासन के साथ समन्वय में व्यापक व्यवस्था की।

निकाय चुनावों में कांग्रेस को झटका मिला है, जिसमें चुनाव से पहले जिलों में कार्यकर्ताओं और नेताओं ने भाजपा का दामन थाम लिया।

पार्टी की प्रदेश इकाई को पूर्व में भी अंदरूनी कलह और गुटबाजी का सामना करना पड़ा है, जबकि भाजपा के पास जमीनी स्तर पर एक सुव्यवस्थित और मजबूत संगठनात्मक ढांचा है।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हाल में विश्वास जताया था कि भाजपा नगर निगम चुनाव जीतेगी। उन्होंने कहा था कि ‘‘ट्रिपल इंजन’’ सरकार के गठन के बाद काम तीन गुना तेजी से होगा। सैनी ने यह बात पार्टी के केंद्र, राज्य और नगर निकायों में सत्ता में होने के संदर्भ में कही थी।