दिल्ली की एक अदालत ने मध्य प्रदेश के पूर्व विधायक किशोर समरीते को मांगें पूरी न होने पर सितंबर 2022 में संसद को उड़ाने की कथित धमकी देने के मामले में दोषी ठहराया है। विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने हालांकि उन्हें विस्फोटक रखने और इसके जरिए जान को खतरे में डालने या चोट पहुंचाने के आरोपों से बरी कर दिया।
अदालत ने कहा कि राज्यसभा के महासचिव के कार्यालय को कथित तौर पर भेजे गए पार्सल में पाए गए पदार्थ की जांच करने पर पता चला कि वह “विस्फोट करने की क्षमता के मामले में हानिरहित है”।
अदालत ने उन्हें भारतीय दंड संहिता की धारा 506 भाग 2 (जान से मारने या गंभीर रूप से चोट पहुंचाने की धमकी) के तहत दोषी ठहराया, जिसके लिए अधिकतम सात साल की सजा का प्रावधान है।
न्यायाधीश 27 फरवरी को सजा पर दलीलें सुनेंगे।
मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले के लांजी से पूर्व विधायक समरीते ने 16 सितंबर, 2022 को राज्यसभा अधिकारी को एक धमकी भरा पत्र भेज संसद को उड़ाने की धमकी दी। पत्र में कुछ मांगें और एक संदिग्ध पदार्थ शामिल था।
न्यायाधीश ने कहा कि समरीते द्वारा भेजी गई सामग्री में संविधान और भारतीय ध्वज की प्रति के अलावा एक पत्र और एक संदिग्ध पदार्थ भी शामिल था।