बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने शनिवार को आरोप लगाया कि आरक्षण के मुद्दे पर बड़े-बड़े दावे करने वाली कांग्रेस और भाजपा वास्तव में इसके खिलाफ हैं और दोनों दल नहीं चाहते कि इसका पूरा लाभ दलित, आदिवासी एवं अन्य पिछड़ा वर्ग तक पहुंचे।
बसपा अध्यक्ष ने यहां एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘आरक्षण को लेकर आज कई बातें कही जा रही हैं। कांग्रेस एवं भाजपा दोनों दलित, आदिवासी एवं ओबीसी वर्गों के लिए आरक्षण के मुद्दे पर बड़े-बड़े दावे कर रही हैं। लेकिन दोनों दरअसल इसके खिलाफ हैं और नहीं चाहते कि इसका पूरा लाभ इन वर्गों तक पहुंचे।’’
इस बात पर जोर देते हुए कि सरकारी नौकरियों में आरक्षित श्रेणियों के लिए रिक्त पद नहीं भरे गए हैं और पदोन्नति में कोटा भी अप्रभावी बना दिया गया है, उन्होंने यह याद दिलाया कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी सरकार के दौरान पदोन्नति में आरक्षण का प्रावधान समाप्त कर दिया गया था।
बसपा नेता ने कहा, “आपको पता होना चाहिए कि जब यह मामला हमारी पार्टी ने संसद में उठाया था और हमने सरकार पर पदोन्नति में आरक्षण के लिए एक संशोधन विधेयक लाने के लिए दबाव डाला था, तो कांग्रेस, जो सत्ता में थी और भाजपा ने एक दूसरे के साथ मिलीभगत कर ली थी। समाजवादी पार्टी को आगे रखकर इसे भाजपा और कांग्रेस की मिलीभगत के कारण पास नहीं होने दिया गया ।''
आगरा, फतेहपुर सीकरी और हाथरस से बसपा उम्मीदवारों के लिए समर्थन मांगते हुए, उन्होंने अपने समर्थकों से रिकॉर्ड अंतर से जीत सुनिश्चित करने का आह्वान किया। बसपा अध्यक्ष ने भाजपा सरकार द्वारा गरीबों को बांटे जा रहे मुफ्त अनाज का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा इसे चुनाव के समय भुनाने की कोशिश कर रही है ।
आगरा, हाथरस और फतेहपुर सीकरी में तीसरे चरण सात मई को मतदान होगा।