दिल्ली के उप राज्यपाल वी.के.सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अनुशंसा के बाद मंत्री राजकुमार आनंद का इस्तीफा राष्ट्रपति को भेज दिया है। राजनिवास के अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मामले में अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर रहने के दौरान केजरीवाल ने आधिकारिक पत्र में आनंद के इस्तीफे को स्वीकार करने की सिफारिश की थी।एक अधिकारी ने बताया, ‘‘उप राज्यपाल ने कानून के तहत इस्तीफे को भारत के राष्ट्रपति को भेज दिया है।’’
आनंद ने 10 अप्रैल को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) छोड़ दी थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आवंटित धन दूसरे कार्यों और योजनाओं में खर्च किया जा रहा है और पार्टी में दलितों को उचित प्रतिनिधित्व नहीं दिया जा रहा है।
आनंद पांच मई को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में शामिल हो गए और लोकसभा चुनाव में नयी दिल्ली सीट से बसपा के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं। आंनद के पास समाज कल्याण, एससी/एसटी कल्याण और सहकारी सहित कई विभाग थे।अधिकारियों के मुताबिक उप राज्यपाल से की गई सिफारिश में केजरीवाल ने आनंद के पास मौजूद विभागों को किसी अन्य मंत्री को आवंटित नहीं किया है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘आनंद के विभागों को किसी मंत्री को आवंटित नहीं किया गया है और इस प्रकार ये सभी विभाग स्वत: मुख्यमंत्री के अधीन आ जाएंगे जो इस समय जेल में हैं।’’आबकारी नीति ‘घोटाले’में अंतरिम जमानत की मियाद एक जून को समाप्त होने के बाद केजरीवाल ने रविवार को आत्मसमर्पण कर दिया था। उच्चतम न्यायालय ने उन्हें लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए 21 दिन की अंतरिम राहत दी थी।