मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्य में पोस्त की अवैध खेती को खत्म करने के प्रयास जारी हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री सचिवालय में बृहस्पतिवार को ‘इस खतरे को खत्म करने के उपायों और नई रणनीतियों पर विचार-विमर्श’ के लिए एक समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा,” उपग्रह से मानचित्रण किया जा रहा है और पोस्त के खेतों का पता लगाने के लिए मानव रहित हवाई वाहनों (यूएवी) के माध्यम से सर्वेक्षण किया जा रहा है।” उन्होंने कहा कि बैठक में पोस्त की खेती की तस्वीरें कांगपोकपी, चुराचांदपुर, सेनापति और उखरुल जिलों के पुलिस अधीक्षकों को सौंपी गई और उन्हें अन्य एजेंसियों की सहायता से इस महीने के अंत तक बागानों को नष्ट करने के लिए कहा गया है।
सिंह ने कहा,”पोस्त की कटाई का मौसम चल रहा है। इसलिए कटाई से पहले पोस्त की खेती को नष्ट करने की कोशिश की जा रही है।” सिंह ने भारत-म्यांमा सीमा पर बाड़ लगाने और मुक्त आवागमन व्यवस्था (एफएमआर) को खत्म करने के केंद्र सरकार के फैसले के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, ”मणिपुर के विधायकों और लोगों की ओर से मैं सीमा पर बाड़ लगाने के फैसले के लिए प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री शाह, सभी केंद्रीय कैबिनेट मंत्रियों और पार्टी पदाधिकारियों के प्रति आभार व्यक्त करता हूं।”
मुख्यमंत्री ने कहा, "सीमा के एक किलोमीटर के हिस्से पर अत्याधुनिक हाइब्रिड बाड़ लगाने का काम पहले ही शुरू हो चुका है। मैंने इसमें प्रगति देखी है। इसके अलावा, 20 किलोमीटर के संवेदनशील हिस्सों पर बाड़ लगाने का काम भी जल्द शुरू हो जाएगा जिसका आम तौर पर अवैध आग्नेयास्त्रों की तस्करी और आव्रजन के लिए उपयोग किया जाता है।" म्यांमा के साथ मणिपुर 398 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करता है जिसमें से 10 किलोमीटर के हिस्से पर पहले ही बाड़ लगाई जा चुकी है।