निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एवं भाजपा के लोकसभा उम्मीदवार अभिजीत गंगोपाध्याय को बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ उनकी "अनुचित, अविवेकपूर्ण और अशोभनीय" टिप्पणी को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किया।
मौजूदा लोकसभा चुनाव में गंगोपाध्याय चौथे नेता हैं, जिन्हें महिलाओं के खिलाफ कथित अशोभनीय टिप्पणी के लिए नोटिस भेजा गया है। निर्वाचन आयोग ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिलीप घोष और कांग्रेस की सुप्रिया श्रीनेत को क्रमशः ममता बनर्जी और कंगना रनौत के खिलाफ उनकी टिप्पणियों को लेकर नोटिस भेजने के साथ ही फटकार भी लगाई थी।
इसने भाजपा नेता हेमा मालिनी के खिलाफ टिप्पणी को लेकर कांग्रेस के रणदीप सुरजेवाला को 48 घंटे के लिए प्रचार करने से रोक दिया था। हल्दिया में 15 मई को आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते समय बनर्जी के खिलाफ की गई टिप्पणी को लेकर गंगोपाध्याय के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस की शिकायत पर निर्वाचन आयोग ने कार्रवाई की।
भाजपा ने गंगोपाध्याय को पश्चिम बंगाल की तमलुक सीट से मैदान में उतारा है, जहां 25 मई को मतदान होगा।
निर्वाचन आयोग ने अपने नोटिस में कहा कि गंगोपाध्याय की टिप्पणी "अनुचित, अविवेकपूर्ण, हर मायने में मर्यादा से परे, अपमानजनक" तथा प्रथम दृष्टया आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों और राजनीतिक दलों को चुनाव निकाय द्वारा दी गई सलाह का उल्लंघन करने वाली पाई गई है।
आयोग ने 20 मई शाम पांच बजे तक जवाब मांगा है। नोटिस में निर्वाचन आयोग ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश को अपनी हालिया सलाह के बारे में याद दिलाया, जिसमें कहा गया था कि राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को किसी भी ऐसे कार्य या कार्रवाई या कथन से बचना चाहिए, जिसे महिलाओं के सम्मान और गरिमा के प्रतिकूल माना जा सकता है।