केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली आबकारी नीति ‘घोटाले' को लेकर अपने आरोपपत्र में कहा है कि आम आदमी पार्टी (आप) के टिकट पर 2022 का गोवा विधानसभा चुनाव लड़ने वाले राज्य के दो पूर्व विधायकों ने आरोप लगाया है कि उन्हें प्रचार अभियान संबंधी खर्चों के लिए पार्टी के एक स्वयंसेवक द्वारा नकद भुगतान किया गया था।
एजेंसी ने आरोप लगाया है कि आबकारी नीति को अपने पक्ष में करने के लिए ‘साउथ ग्रुप' द्वारा भुगतान की गई कुल 90-100 करोड़ रुपये की अवैध धनराशि में से 44.5 करोड़ रुपये की नकदी चुनाव संबंधी खर्चों के लिए पार्टी द्वारा गोवा भेजी गई थी।
मामले में अपने पांचवें और अंतिम पूरक आरोपपत्र में सीबीआई ने आरोप लगाया है कि इस पूरे प्रकरण में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ-साथ एक अन्य आरोपी दिल्ली के विधायक और गोवा चुनाव के लिए आप प्रभारी दुर्गेश पाठक की भूमिका सामने आई है। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि पाठक ने दो पूर्व विधायकों- महादेव नारायण नाइक और सत्यविजय नाइक से संपर्क किया था, जिन्होंने उन्हें फरवरी 2022 के विधानसभा चुनाव में आप के टिकट पर क्रमशः शिरोडा और वालपोई निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़ने के लिए कहा था।
महादेव नाइक के बयान के अनुसार, पाठक कथित तौर पर उन्हें दिल्ली ले गए और उनकी मुलाकात केजरीवाल से कराई, जिन्होंने न केवल उनके टिकट पर मुहर लगाई, बल्कि उन्हें यह भी आश्वासन दिया कि ‘‘पार्टी द्वारा सभी सहायता प्रदान की जाएगी।'' दोनों उम्मीदवारों के बयानों का हवाला देते हुए सीबीआई ने आरोप लगाया है कि ‘‘उन्होंने इस बात की पुष्टि की है कि आप के उम्मीदवारों द्वारा किए गए प्रचार के सभी खर्चों का भुगतान उम्मीदवारों द्वारा नहीं किया गया था और इसका भुगतान पार्टी द्वारा नकद में किया गया था।'