गोवा में कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार को चुनौती दी है। कांग्रेस ने गोवा में सरकार बनाने का दावा पेश करते हुए गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा को पत्र लिखा है। कांग्रेस ने बीजेपी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को बर्खास्त करने की मांग करते हुए कहा है कि उनके पास बहुमत नहीं है। इस बीच कांग्रेस के दावे के बाद गोवा बीजेपी ने पणजी में अपने विधायकों की बैठक बुला ली है।
‘कांग्रेस को मिले सरकार बनाने का मौका’
कांग्रेस ने सरकार गठन का दावा पेश करते हुए कहा कि हम राज्य में विधायकों की संख्या के मामले में सबसे बड़ी पार्टी हैं और हमें सरकार बनाने का मौका मिलना चाहिए। कांग्रेस ने अपने पत्र में बीजेपी विधायक फ्रांसिस डिसूजा की मौत का हवाला देते हुए कहा है कि पहले से ही अल्पमत में चल रही सरकार का समर्थन और कम हो गया है।
पहले भी कांग्रेस कर चुकी है मांग
गोवा कांग्रेस ने अपने पत्र में लिखा, 'गोवा की सरकार अल्पमत में है और कांग्रेस को सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर सरकार गठन के लिए आमंत्रित किया जाना चाहिए।' कांग्रेस ने राज्यपाल से कहा है कि एक बीजेपी विधायक के निधन के बाद पर्रिकर सरकार बहुमत खो चुकी है। यही नहीं, कांग्रेस ने लिखा कि यदि सूबे में राष्ट्रपति शासन लगाने का प्रयास किया जाता है तो यह अवैध होगा और इसे चुनौती दी जाएगी। कांग्रेस कई बार कह चुकी है कि सूबे के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर गंभीर रूप से बीमार हैं और उन्हें हटाकर किसी और को सीएम बनाया जाना चाहिए या फिर कांग्रेस को मौका दिया जाए।
बीजेपी के पास कुल 21 विधायकों का समर्थन
गोवा में विधानसभा की कुल 40 सीटें हैं। बीजेपी विधायक फ्रांसिस डिसूजा के निधन, कांग्रेस सुभाष शिरोडकर और दयानंद सोप्ते के इस्तीफा देने के चलते सूबे में अब 37 एमएलए ही बचे हैं। सोप्ते और शिरोडकर बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। इसके चलते कांग्रेस के पास अब 16 की बजाय 14 विधायक ही बचे हैं, जबकि बीजेपी के पास 13 विधायक हैं। लेकिन, बीजेपी को गोवा फॉरवर्ड पार्टी के तीन, महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के तीन और एनसीपी के एक विधायक के अलावा एक निर्दलीय का भी समर्थन हासिल है। इस तरह बीजेपी के पास कुल 21 विधायकों का समर्थन है।