गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में अपनी साफ छवि दिखाने के लिए अखिलेश यादव ने यह फैसला लिया है लेकिन गायत्री प्रसाद प्रजापति को लेकर लंबे समय से शिकायतें मिल रही थी। विपक्ष भी लगातार प्रजापति पर हमले बोलता रहा है। लेकिन उस समय सरकार ने कोई कड़ा कदम नहीं उठाया। प्रजापति पर अवैध खनन को लेकर लगातार मामला उठता रहा है। यहां तक की सीबीआई से भी अवैध खनन की जांच कराई जा चुकी है। ऐसे में अखिलेश सरकार लगातार प्रजापति का बचाव करती रही है।
इससे पहले भी अखिलेश यादव ने राज्य में कई मंत्रियों को बर्खास्त कर चुके है और उसमें से कुछ मंत्रियों को बाद में मंत्री भी बना दिया गया। गायत्री प्रजापति की गिनती मुलायम के करीबियों में की जाती है। माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव से पहले अखिलेश कुछ और कड़े फैसले ले सकते हैं।
 
                                                 
                             
                                                 
                                                 
			 
                     
                    