समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी में दरार की अटकलों के बीच सत्तारूढ़ भाजपा पर परोक्ष हमला करते हुए कहा कि "जनता का कल्याण" सरकार और पार्टी संगठन दोनों से ऊपर होना चाहिए। यादव की यह टिप्पणी उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के भाषण और एक रहस्यमयी सोशल मीडिया पोस्ट के बाद आई है, जिससे उनके और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच कथित दरार की अफवाहों को बल मिला है।
शुक्रवार को एक्स पर एक पोस्ट में यादव ने कहा, "न संगठन बड़ा है, न सरकार। सबसे महत्वपूर्ण बात जनता का कल्याण है। वास्तव में संगठन और सरकार सिर्फ साधन हैं। लोकतंत्र में लक्ष्य जनसेवा है।" उन्होंने पोस्ट में कहा "जो लोग साधनों की श्रेष्ठता को लेकर लड़ाई में उलझे हुए हैं, वे सत्ता और पद के लालची हैं, उन्हें जनता की बिल्कुल भी परवाह नहीं है। भाजपा सत्ता-उन्मुख है, सेवा-उन्मुख नहीं!"
बुधवार को मौर्य के कार्यालय के आधिकारिक हैंडल से की गई पोस्ट में डिप्टी सीएम के हवाले से कहा गया, "संगठन सरकार से बड़ा है, कार्यकर्ताओं का दर्द मेरा दर्द है। संगठन से बड़ा कोई नहीं, कार्यकर्ता ही मेरा अभिमान हैं।" यह बयान रविवार को लखनऊ में भाजपा की कार्यसमिति की बैठक के दौरान मौर्य के संबोधन का एक अंश है।
पोस्ट की पृष्ठभूमि में कार्यसमिति की बैठक की तस्वीर भी थी। यह पोस्ट मौर्य और आदित्यनाथ के बीच कथित कड़वाहट के बीच नई दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मौर्य की मुलाकात के एक दिन बाद आया है। हालांकि, इस मुलाकात के बारे में न तो भाजपा और न ही मौर्य ने अभी तक कोई बयान दिया है।
लखनऊ में समाजवादी पार्टी के प्रदेश मुख्यालय के डॉ. लोहिया सभागार में एकत्र पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यादव ने कहा, "भाजपा में सत्ता संघर्ष चल रहा है, जिसके कारण प्रदेश में प्रशासनिक व्यवस्था चरमरा रही है।" पार्टी के एक बयान में उनके हवाले से कहा गया है, "लोग थानों, तहसीलों और अन्य विभागों में भटक रहे हैं। बिना रिश्वत के कोई काम नहीं हो रहा है। लोग परेशान हैं। भ्रष्टाचार चरम पर है।"
यादव ने कहा कि भाजपा लोकतंत्र को कमजोर करने में लगी हुई है और उसके मूल संगठन आरएसएस का एजेंडा तानाशाही थोपना है। उन्होंने राज्य में होने वाले उपचुनावों का जिक्र करते हुए कहा, ''दोनों संगठन विधानसभा उपचुनावों में साजिश करके लोकतंत्र की पवित्रता को किसी तरह से तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।''
यादव ने कहा कि सपा जहां ''भाजपा की इन साजिशों'' को लेकर सतर्क है, वहीं जनता भी भाजपा को हराने का मन बना चुकी है। यादव ने कहा कि भाजपा का ''घृणा फैलाने का एजेंडा'' राज्य सरकार के उस आदेश से स्पष्ट है, जिसमें उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा मार्ग पर होटल, ढाबा और खाने-पीने की रेहड़ी लगाने वालों को अपने मालिकों के नाम प्रदर्शित करने को कहा गया है। सपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा ''किसी भी कीमत पर सद्भाव और भाईचारे'' को तोड़ना चाहती है। उन्होंने कहा, ''समाजवादी पार्टी सामाजिक न्याय और जाति जनगणना के लिए प्रतिबद्ध है। पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक, महिलाएं और गरीबों की संयुक्त ताकत के सामने भाजपा कहीं नहीं टिक सकती।'