बीते माह 24 तारीख की रात 11 बजे के बाद राजस्थ्ाान में जो घटनाक्रम शुरू हुआ वह अपने चरम पर पहुंच चुका है। उस रात एनकाउंटर में मारे गए कुख्यात अपराधी आनंदपाल सिंह की लाश 18 दिन से सांवराद गांव में अंतिम संस्कार के लिए रखी हुई है। वहीं, बुधवार को प्रार्थना सभा से उपद्रव में तब्दील हुई भीड़ पर पुलिस फायरिंग के दौरान गोली लगने से एक और प्रदर्शनकारी की मौत हो गई। मृतक लालचंद की लाश अपनों के इंतजार में एसएमएस अस्पताल की मोर्चरी में रखी हुई है। देर रात कर्फ्यू की घोषणा के बाद छंटना शुरू हुई भीड़ आज अपने घर जा चुकी है।
उपद्रव के बाद सरकार अधिक सख्त हो गई है। आज सुबह मीडिया से बात करते हुए राज्य के गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने साफ कहा है कि सरकार आनंदपाल एनकाउंटर मामले की किसी भी सूरत में सीबीआई जांच नहीं करवाएगी। उन्होंने कहा है कि अगर सीबीआई जांच करवानी है तो आनंदपाल के परिजन कोर्ट में चले जाएं। एक सवाल के जवाब में कटारिया ने बताया कि एसपी पारिस देशमुख के गनमैन की जो एके47 कल भीड़ के द्वारा छीनी गई थी, वह मिल चुकी है। घायलों का एसएमएस अस्पताल में उपचार चल रहा है। नागौर में कल प्रभावित हुआ रेल और सड़क यातायात आज पूरी तरह से निर्बाध चल रहा है। हालांकि चप्पे-चप्पे पर पुलिस की नजर है। संवेदनशील इलाकों में ड्रोन कैमरों से निगरानी की जा रही है।
सांवराद सहित आसपास के गांवों में आज पूरी तरह शांति है। देर रात कर्फ्यू लगने के बाद सारी भीड़ आनंदपाल के परिजनों को अकेला छोड़कर अपने-अपने घर पहुंच चुकी है। इस रैली को लीड करने वाले नेताओं को पुलिस ने बुध्ावार की देर रात हिरासत में ले लिया है। पूरे नागौर जिले में धारा 144 लगी हुई है, वहीं नागौर, सीकर और चुरू में इंटरनेट सेवाएं आज रात 12 बजे तक के लिए बंद है।
इससे पहले कल प्रार्थना सभा और आक्रोश रैली के बाद समाज के नेताओं द्वारा भड़काऊ भाषण देने के बाद राजपूत समाज के युवाओं ने जमकर उपद्रव मचाया। उपद्रवी नागौर एसपी पारिस देशमुख के गनमैन की एके-47 छीनकर भाग गए, उनकी सरकारी गाड़ी को आग के हवाले कर दिया गया। इस दौरान गोली चलने से हरियाणा से आए लालचंद नामक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई। इसके अलावा गोली लगने से घ्ाायल सात अन्य लोगों को जयपुर के एसएमएस अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
सरकार की ओर से चाल चलते हुए राजपूत समाज से आने वाले जेल डीजी अजीत सिंह शेखावत को वार्ता के लिए भेजा गया, लेकिन उनके साथ राजपूत समाज की बातचीत नतीजे तक नहीं पहुंच पाई। समाज का नेतृत्व करने वाले लोकेंद्र सिंह कालवी, सुखदेव सिंह गोगामेडी सहित तमाम नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले रखा है। बताया जा रहा है कि मानवाधिकार आयोग के निर्देश पर आज सरकार आनंदपाल के शव की अंत्येष्टि कर सकती है।
हालांकि सरकार ने कहा है कि बातचीत का रास्ता खुला है। लेकिन जिस तरह से हालात अब बन रहे हैं, उससे आनंदपाल के परिजनों की ओर से अंतिम संस्कार किया जाएगा, इसकी संभावना नहीं के बराबर है। सरकार के स्तर पर सभी राजपूत मंत्रियों को कैसे भी मामले को निपटाने के निर्देश सरकार ने दे रखे हैं। पूरे नागौर सहित सीकर और चुरू में तनाव की स्थिति बनी हुई है। हालात को देखते हुए आरएसी के जवान और राज्य पुलिस ने मुस्तैदी से मोर्चा संभाल रखा है।