Advertisement

यमुना सौंदर्यीकरण परियोजना के लिए बेदखली नोटिस पाने वाले उस्मानपुर के लोगों ने कहा- हम कहां जाएं

दिल्ली के शाहदरा के उस्मानपुर क्षेत्र में अतिक्रमण विरोधी अभियान से कई लोग खुद को असहाय महसूस कर रहे...
यमुना सौंदर्यीकरण परियोजना के लिए बेदखली नोटिस पाने वाले उस्मानपुर के लोगों ने कहा- हम कहां जाएं

दिल्ली के शाहदरा के उस्मानपुर क्षेत्र में अतिक्रमण विरोधी अभियान से कई लोग खुद को असहाय महसूस कर रहे हैं। ये वो लोग हैं जिन्हें दशकों पुराने अपने मकान खाली करने के लिए कथित तौर पर सिर्फ एक दिन का नोटिस दिया गया है।

अधिकारियों ने दो मार्च को पुराने लोहे के पुल के निकट स्थित इलाके के निवासियों को बेदखली का नोटिस दिया और उन्हें सोमवार तक अपने घर खाली करने को कहा। यमुना सौंदर्यीकरण परियोजना के तहत मंगलवार और बुधवार को ध्वस्तीकरण अभियान को अंजाम देने की योजना है। कई लोगों के लिए ये घर जीवन भर की यादों, संघर्षों और अस्तित्व का साझा प्रतीक है।

उम्र के छठे दशक में प्रवेश कर चुकी महिला पुष्पा देवी ने कहा कि वह पिछले 40 साल से इस घर में रह रही है। इसे अब ध्वस्त करने का नोटिस जारी किया गया है। वह बताती हैं कि कई साल पहले एक हादसे में उन्होंने अपने सबसे बड़े बेटे और बहू को खो दिया और अब पोती के भरण-पोषण की जिम्मेदारी उनपर है।

पुष्पा देवी ने जिम्मेदारियों के बोझ का उल्लेख करते हुए ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ मैं लोगों के घरों में काम करती हूं। मैं अपनी पोती और बीमार पति की देखभाल करती हूं। अगर मुझे जाने के लिए मजबूर किया गया तो मेरे पास जाने के लिए कोई जगह नहीं है। हमारा कोई रिश्तेदार नहीं हैं जिनके यहां हम आश्रय ले सकें।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं सरकार से गुहार लगाती हूं कि हमें तब तक यहां रहने दिया जाए जब तक कि हमें नई नौकरी और आश्रय नहीं मिल जाता।’’

पिंकी कश्यप (21) भी इसी तरह की मुश्किल का सामना कर रही हैं।पांच महीने की गर्भवती और डेढ़ साल की बेटी की देखभाल की जिम्मेदारी संभाल रही पिंकी रोजमर्रा की जरूरतों को भी पूरा करने के लिए जूझ रही हैं। उनका पति ग्रेटर कैलाश में दुकान में काम करता है और प्रतिमाह 12 हजार रुपये कमाता है।

पिंकी कहती हैं, ‘‘मैं इस हालत में अपने बच्चे के साथ कहां जाऊंगी? हमारे पास घर या कमरा किराए पर लेने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं। मेरा पति केवल 12,000 रुपये प्रति माह कमाता है और दिल्ली जैसे शहर में अन्य खर्चों के साथ-साथ किराया वहन करना बेहद मुश्किल है।’’

सीमा (50)विस्थापन के डर में जी रही थीं। अब यह डर हकीकत बन गया है। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हम लगातार इस डर में जी रहे हैं कि कोई आकर हमें यहां से चले जाने को न कह दे। हम गरीब हैं, हम अपने बच्चों के साथ कहां जाएंगे? अगर हम किराया देने में सक्षम होते तो हम यहां नहीं रहते।’’ अन्य लोगों की तरह सीमा ने भी सरकार से आश्रय उपलब्ध कराने का अनुरोध किया।

इससे संबंधित घटनाक्रम में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘1,500 से अधिक दिल्ली पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ अर्धसैनिक बलों के जवान तैनात किए जाएंगे। किसी को भी कानून-व्यवस्था खराब करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।’’

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad