बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने राष्ट्रीय स्तर पर जाति जनगणना कराने की मांग दोहराई है। पार्टी ने शनिवार को संसद के शीतकालीन सत्र से कुछ दिन बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में अपनी आवाज उठाई है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि उनकी पार्टी का कहना है कि केंद्र सरकार को इस संबंध में 'तत्काल सकारात्मक कदम' उठाना चाहिए। उन्होंने कहा, ''संसद के शीतकालीन सत्र से पहले आज हुई सर्वदलीय बैठक में बसपा ने फिर सरकार से देश में जाति जनगणना कराने की मांग की। केंद्र सरकार को इस संबंध में तत्काल सकारात्मक कदम उठाना चाहिए।"
BSP bats for nationwide caste-based census in all party meeting
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— ANI Digital (@ani_digital) December 2, 2023
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस पर कड़ा प्रहार करते हुए मायावती ने कहा कि जाति आधारित जनगणना की जनता की मांग ने देश में सत्ताधारी पार्टी की 'रातों की नींद' उड़ा दी है।
उन्होंने कहा, ''जातिवादी शोषण व अत्याचार की शिकार तथा महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, खराब सड़कें, पानी, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य व कानून व्यवस्था से त्रस्त देश की जनता में जाति जनगणना के प्रति अभूतपूर्व रुचि/जागरूकता , भाजपा की रातों की नींद हराम हो गई है और कांग्रेस अपने अपराधों पर पर्दा डालने में व्यस्त है।''
बसपा सुप्रीमो ने आगे कहा कि केंद्र सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लोगों को सही मायने में उनका अधिकार मिले।
उन्होंने कहा, "हालांकि, विभिन्न राज्य सरकारें आधे-अधूरे मन से 'सामाजिक न्याय' के नाम पर जाति जनगणना कराकर काफी हद तक जन भावनाओं को संतुष्ट करने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन इसका सही समाधान तभी संभव है जब केंद्र सरकार अपने स्तर पर सही जाति जनगणना कराए। राष्ट्रीय स्तर पर और यह सुनिश्चित करें कि लोगों को उनके अधिकार दिए जाएं।"
विपक्ष अपना 2024 लोकसभा चुनाव का एजेंडा अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की राजनीति और जाति जनगणना के इर्द-गिर्द तैयार कर रहा है। बिहार सरकार ने राज्य में जातियों के अपने हाल ही में संपन्न सर्वेक्षण के नतीजे जारी किए, जिससे पता चलता है कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) बिहार की आबादी का 63% से अधिक हैं।