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आरएसएस का आरोप, राजनीति प्रेरित हत्याओं में शामिल हैं कम्युनिस्ट

आरएसएस ने हैदराबाद में आज से शुरू हुए अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल सम्मेलन में कम्युनिस्टों पर केरल में राजनीति प्रेरित हत्याओं में शामिल होने का आरोप लगाया और कहा कि इस संबंध में एक प्रस्ताव पारित किया जाएगा।
आरएसएस का आरोप, राजनीति प्रेरित हत्याओं में शामिल हैं कम्युनिस्ट

आरएसएस के अखिल भारतीय संयुक्त महासचिव भागया ने आरोप लगाया कि असहिष्णु कम्युनिस्ट विशेषकर मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन के नेतृत्व वाली केरल की माकपा काडर हिंदुओं खासकर आरएसएस और भाजपा कार्यकर्ताओं की राजनीति प्रेरित हत्याओं तथा उनकी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने में शामिल हैं। तीन दिवसीय वार्षिक सम्मेलन से इतर मीडिया को संबोधित करते हुए भगया ने बताया कि सम्मेलन में तमिलनाडु में अन्य हिंदू संगठनों के सदस्यों की हत्या सहित पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा के दौरान जिहादी तत्वों द्वारा हिंदुओं पर हुए हमलों के संबंध में चर्चा की जाएगी। आरएसएस के वरिष्ठ नेता ने आरोप लगाया कि अल्पसंख्यक समुदाय के कुछ सदस्य छेड़छाड़ और हिंदू लड़कियों की हत्या में शामिल रहते हैं और ये पीड़ित अधिकतर पश्चिम बंगाल में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय से आते हैं। यह सबकुछ वहां तृणमूल कांग्रेस सरकार की शह पर हो रहा है। उन्होंने कहा कि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने हाल में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन पर राज्य सरकार द्वारा नियंत्रण लगाए जाने की यह कहकर आलोचना की थी कि वह बहुसंख्यक वर्ग की कीमत पर अल्पसंख्यक समुदाय को संतुष्ट करने या खुश करने की कोशिश नहीं करे।

इससे पहले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने तीन दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल सम्मेलन का शुभारंभ किया जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों के तकरीबन 400 वरिष्ठ संघ कार्यकर्ता हिस्सा लेंगे। आरएसएस के वरिष्ठ नेता ने बताया कि अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल (एबीकेएम) सम्मेलन में समाज के विभिन्न आयामों से संबंधी संघ के कार्य प्रगति की समीक्षा की जाती है। उन्होंने कहा एबीकेएम हिंदू समाज और राष्ट्र से संबंधी अहम मुद्दों पर चर्चा करेगा। उन्होंने बताया कि दूसरा प्रस्ताव एकात्म मानव दर्शन पर पारित किया जाएगा। मौजूदा वर्ष भारतीय दर्शन के आधार एकात्म मानव दर्शन के प्रतिपादक चिंतक पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जन्मशती है। भागया ने कहा, हमलोग इस दर्शन का 51वां वर्ष मनाएंगे। उन्होंने कहा कि संघ का मानना है कि जाति के आधार पर भेदभाव मानवता विरोधी, असंवैधानिक है। सामाजिक मुद्दों के समाधान के लिए संघ ने व्यापक सर्वेक्षण करवाया है कि क्या श्मसान, जलाशयों और मंदिरों तक सभी हिंदुओं की पहुंच है या नहीं। उन्होंने कहा कि संघ यह सुनिश्चित करने के प्रति कटिबद्ध है कि हिंदू समाज के वंचित तबके को सरकारी मदद मिले। भागया ने कहा, संघ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के सशक्तिकरण के लिए अन्य संगठनों के साथ सक्रियता के साथ काम कर रहा है।

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