लोकसभा चुनाव के पहले दौर के मतदान से पहले चुनाव आयोग सख्त हो गया है। आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा को बढ़ावा देने वाले 24 घंटे के चैनल नमो टीवी को एयर करने पर पाबंदी लगा दी है। पीटीआई के मुताबिक, अब चुनाव के दौरान यह चैनल नहीं चल सकेगा। इससे पहले चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीवनी पर आधारित बायोपिक पर भी रोक लगा दी है। चुनाव आयोग ने कहा कि यह आदेश पीएम मोदी के बायोपिक पर ही नहीं बल्कि नमो टीवी (NaMo TV ) पर भी लागू होगा। चुनाव आयोग ने कहा कि कोई भी बायोपिक जो किसी भी राजनीतिक इकाई या उससे जुड़ी किसी भी व्यक्ति के उद्देश्य को पूरा करती है, जिससे चुनाव प्रभावित हो सकता हो, इसे सिनेमा सहित इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रदर्शित नहीं किया जाना चाहिए।
शुरू से विवादित रहा 'नमो टीवी'
31 मार्च को नमो टीवी देश की कुछ DTH सर्विस पर लॉन्च हुआ था, जिस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण, भारतीय जनता पार्टी का चुनावी प्रचार, मोदी सरकार की योजनाओं का बखान किया जा रहा है। इसको लेकर कांग्रेस और कई विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी।
चुनाव आयोग ने मांगा था जवाब
चुनाव आयोग ने नमो टीवी को लेकर सख्ती दिखाते हुए और भारतीय जनता पार्टी से जवाब मांगा था। इतना ही नहीं नमो टीवी को चुनाव आयोग ने एक राजनीतिक विज्ञापन की श्रेणी में रखा था। सूचना प्रसारण मंत्रालय ने चुनाव आयोग को दिए अपने जवाब ने कहा था कि यह कोई चैनल नहीं है इसलिए इसे किसी तरह की परमिशन की जरूरत नहीं है।
आयोग इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी से सवाल भी करेगा और इस पर होने वाले पूरे खर्च की जानकारी सालाना ऑडिट रिपोर्ट में शामिल करनी होगी। हालांकि, भाजपा पहले ही ये मान चुकी है कि उसने इस चैनल पर होने वाले खर्च का ब्योरा ऑडिट रिपोर्ट में दिया है।
दूरदर्शन पर भी आयोग ने दिखाई सख्ती
नमो टीवी के अलावा चुनाव आयोग ने दूरदर्शन पर भी सख्ती दिखाई है। दूरदर्शन द्वारा विभिन्न राजनीतिक दलों को दिए गए एयरटाइम कवरेज में समानता नहीं है। चुनाव आयोग ने इस बाबत दूरदर्शन को पत्र लिखकर कहा है कि सभी राजनीतिक दलों को देने जाने एयरटाइम कवरेज में समानता लाए।
कांग्रेस ने की थी शिकायत
दरसअल, कांग्रेस पार्टी ने चुनाव आयोग में शिकायत करते हुए कहा था कि 31 मार्च को प्रधानमंत्री के कार्यक्रम ‘मैं भी चौकीदार हूं’ को दूरदर्शन ने 84 मिनट तक लाइव कवरेज दी थी, इसे भी पार्टी के एयरटाइम में ही जोड़ा जाए। इसके एवज में या तो बाकी दलों को भी दूरदर्शन अतिरिक्त वक्त दे या फिर बीजेपी के वक्त में कटौती करें।
चुनाव नियमों के मुताबिक हर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल को सरकारी मीडिया माध्यम यानी दूरदर्शन और आकाशवाणी अपने दल की नीति और घोषणापत्र के प्रचार प्रसारण के लिए मुफ्त समय देते करते हैं। उन दलों की ओर से नामित नेता आकर आकाशवाणी और दूरदर्शन पर अपना वक्तव्य देते हैं, इसका प्रसारण होता है।
दो अन्य बायोपिक पर लगी रोक
'पीएम नरेंद्र मोदी फिल्म' 11 अप्रैल को रिलीज होने वाली थी। इस पर रोक लगाने के अलावा चुनाव आयोग ने बुधवार को दिए गए आदेश में कहा है कि एनटीआर लक्ष्मी और उद्यमा सिंहम फिल्मों पर भी आगामी चुनाव तक के लिए रोक लगाई गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, इस पर फैसला चुनाव आयोग करे
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बायोपिक की रिलीज पर रोक लगाने की मांग वाली कांग्रेस कार्यकर्ता की याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने कहा कि अगर फिल्म चुनाव में किसी पक्ष विशेष को प्रभावित करती है तो यह देखना चुनाव आयोग का काम है। कोर्ट का कहना है कि चुनाव आयोग को यह तय करना है कि क्या फिल्म आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन कर सकती है।